Ramlala Pran Pratishtha: हर राम भक्त पलके बिछाकर उस पल का इंतजार कर रहा है, जब रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे. 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य कार्यक्रम के आयोजन के लिए तैयारी तेज गति से आगे बढ़ रही है. अब कार्यक्रम को मात्र दो दिन रह गए हैं. ऐसे में अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद हो गई है तो वहीं अयोध्या का हर मंदिर और मठ सजधज कर तैयार हो गए हैं. तो वहीं राम मंदिर को भी रंग-बिरंगी रोशनी और भांति-भांति के फूलों से सजाया गया है. इसी बीच रामलला के सिंहासन की खबर तेजी से वायरल हो रही है.
दरअसल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम भक्त राम मंदिर की एक-एक विशेषता के बारे में जानकारी करना चाहते हैं. तो वहीं सिंहासन को लेकर खबर सामने आ रही है कि, राजस्थान के नागौर के मकराना का इसमें बड़ा योगदान रहा है. मकराना के मार्बल से राम मंदिर के गर्भगृह में सिंहासन बनाया गया है, जिस पर रामलला विराजमान होंगे. श्रीराम के सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई गई है. तो वहीं गर्भगृह के साथ ही फर्श पर भी मकराना का सफेद मार्बल लगाया गया है. इसी के साथ ही राम मंदिर के पिलर भी मकराना मार्बल से बनाए गए हैं. बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह से बन कर तैयार हो चुका है. तो वहीं मंदिर के प्रथम चरण का भी कार्य पूरा हो चुका है. मंदिर की ताजा तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. तो वहीं राम भक्त उस शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रह हैं, जब रामलला सिंहासन पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे.
ये भी पढ़ें- Ayodhya Ram mandir: भव्य श्रीराम मंदिर के अंदर की तस्वीरें आईं सामने… अपलक निहार रहे हैं लोग, देखें फोटो
बता दें कि, मार्बल का काम हुकमाराम चौधरी और धर्माराम चौधरी ने किया है. फर्श के लिए सफेद मार्बल और उस पर इनले वर्क का काम दोनों भाइयों ने किया है. इसी के साथ ही खूबसूरती के लिए बारीक नक्काशी से अष्टकोणीय गर्भगृह बनाया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, गर्भगृह के आकार और पत्थरों को बहुत ही खास तरीके से तैयार किया गया है ताकि राम भक्तों को दिव्य अनुभूति हो सके.
बता दें कि राम मंदिर के निर्माण के लिए मजबूती का खास ख्याल रखा गया है. 95,300 वर्ग फीट मार्बल फर्श और क्लैडिंग के लिए काम में लिया गया है. इसी के साथ ही फर्श की मजबूती के लिए 35 एमएम मोटाई का सफेद मार्बल स्लैब लगाया है. बता दें कि, गर्भगृह के निर्माण में 13,300 घन फीट नक्काशीदार संगमरमर का उपयोग किया गया है.तो वहीं दीवारों और गुंबदों को कई शिल्पकारों ने अपने-अपने हुनर से खूबसूरत नक्काशी कर सजाया है. ताकि भक्त देखें तो इसकी खूबसूरती को देखते ही रह जाएं.
-भारत एक्सप्रेस
झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में शुक्रवार…
Gomati Book Festival 2024: गोमती पुस्तक मेला में पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 30…
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नशा मुक्त भारत के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते…
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,900 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान के साथ पीएम…
मास्टरकार्ड के एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष अरी सरकार ने इस बात को हाईलाइट किया कि…
भारतीय रेलवे स्टील और खनन उद्योगों में उपयोग के लिए अफ्रीका को 20 डीजल इंजन…