देश

UP News: IIT कानपुर में प्लेसमेंट के दौरान एजेंसियों ने छात्रों से पूछी उनकी जाति, सियासत तेज, विरोध में उतरी सपा

UP News: आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा छात्रों की जाति पूछने को लेकर सियासत तेज हो गई है. इसको लेकर सपा की तरफ से जमकर विरोध किया जा रहा है और सपा की छात्र संघ इकाई ने आईआईटी के प्रशासन से मिलकर ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी देते हुए कहा है कि फिर से अगर ऐसा हुआ तो सपा के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि आईआईटी कानपुर में लगातार मेधावी छात्रों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और पिछले 5 साल में फ्री प्लेसमेंट दो गुने हो गए हैं. इसी बीच आईआईटी कानपुर से एक विवाद भी सामने आया है और इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. यह सियासत प्लेसमेंट एजेंसी की कंपनियों द्वारा छात्रों के चयन के दौरान उनसे जाति पूछने को लेकर की जा रही है. इसके खिलाफ सपा छात्र नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. इस सम्बंध में समाजवादी पार्टी के छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर इमरान ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अपने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर गणेश से मुलाकात की है और जाति के आधार पर प्लेसमेंट किए जाने के मामले में ज्ञापन सौंपा है. इसी के साथ इमरान ने बताया कि ज्ञापन सौंपते हुए उनको हिदायत भी दी है कि अगर भविष्य में इस तरीके की कोई बात दोबारा आती है तो छात्र सभा सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी.

ये भी पढ़ें- UP News: योगी सरकार ने लिए बड़े फैसले- आज बंद रहेंगी मांस की दुकानें, सरकारी बसों के किराए में कटौती का ऐलान

तो दूसरी ओर आईआईटी डायरेक्टर से मिलने के बाद समाजवादी पार्टी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए कहा कि प्लेसमेंट के दौरान आईआईटी कानपुर के छात्रों को कंपनियों द्वारा जो फॉर्म दिए गए. उसमें उनकी जाति संबंधी जानकारी क्यों मांगी गई. कार्यकर्ताओं ने कहा कि पहले तो किसी कंपनी ने ऐसा नहीं किया है. पहले तो सिर्फ छात्रों के रैंक के आधार पर उनको चुना जाता रहा है. अगर इस तरह का काम फिर से किया गया तो सपा विरोध करने को मजबूर होगी.

छात्रों के साथ किया जा रहा है भेदभाव

सपा छात्र नेताओं ने कहा कि कम्पनियों की इस हरकत के बाद ये साफ हो गया है कि छात्रों के बीच भेदभाव पैदा किया जा रहा है. कम्पनियों के इस कृत्य से छात्रों की निजता का हनन हुआ है. इसी के साथ ही राष्ट्रीय छात्र सभा ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए आशंका जताई कि इस प्रक्रिया से एससी/एसटी और ओबीसी श्रेणी के छात्रों के साथ भेदभाव पैदा किया जा सकता है. डॉक्टर इमरान जो छात्रों के बीच भेदभाव पैदा करें, इस तरह की कंपनियों को प्लेसमेंट में आने की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए. आईआईटी के छात्र हमेशा ही देश की शान रहे हैं. उनके प्लेसमेंट में कम्पनियों द्वारा इस तरह का मतभेद ठीक नहीं है. इससे होनहार मानसिक रूप से प्रताड़ित होंगे और वह स्वस्थ्य मानसिकता के साथ कार्य नहीं कर सकेंगे.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

एक ही टाइम में कई लड़को को डेट कर चुकी है Kalki Koechlin, नहीं कोई पछतावा, बोलीं-मेरी जिंदगी का…

Kalki Koechlin on Dating Multiple Guys: एक्टर और मॉडल कल्कि कोचलिन ने एक वक्त पर…

50 mins ago

मध्य प्रदेश में बस और ट्रक की टक्कर, 6 की मौत

मध्य प्रदेश के मैहर में बस और ट्रक के बीच जोरदार भिड़ंत में 6 लोगों…

1 hour ago

Delhi HC में सोशल मीडिया दिग्गज एक्स ने कहा: ‘हिंदुत्व वॉच’ अकाउंट ब्लॉक करने का सरकार का आदेश अनुचित, बहाली को तैयार

यह दलील कश्मीरी पत्रकार, रकीब हमीद की याचिका पर एक्स द्वारा दायर जवाब में कही…

10 hours ago

पीएम मोदी कल महाराष्ट्र को देंगे हजारों करोड़ की सौगात, कई विकास परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन और शिलान्यास

प्रधानमंत्री मोदी ने इन विकास कार्यों को महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि…

12 hours ago