Acharya Pramod krishnam: अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर कांग्रेस ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इसके बाद से यूपी में लगातार सियासत जारी है. कांग्रेस पर खुद आचार्य प्रमोद भी हमलावर हैं तो वहीं ‘यूपी में बाबा’ कविता से मशहूर हुई कवयित्री अनामिका जैन अंबर भी उनके समर्थन में उतर गई हैं और उन्होंने अपने मन की बात को कविता के जरिए लिखकर कांग्रेस को घेरा है. उनकी कविता सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
बता दें कि अनामिका जैन अंबर अपनी कविताओं व गीतों के चलते सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस के निकाले जाने पर अपने ही तरीके से प्रतिक्रिया दी और उनका समर्थन करते हुए कांग्रेस को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. अनामिका ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक कविता पोस्ट करते हुए कहा है, “तुम आईनों से भी चेहरे बदल बदल के मिले, कहाँ छुपोगे कि अब आईने की बारी है.” इसी के साथ ही उन्होंने इसी पोस्ट में कहा है, “राष्ट्र के प्रति आराधना, राम के प्रति श्रद्धा और मंदिर निर्माण के नायकों के प्रति सम्मान के भाव रखने वाले, सनातन का निर्वहन करने वाले अपने इकलौते धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम् के प्रति कांग्रेस का व्यवहार बताता है कि कांग्रेस किस सांस्कृतिक, राजनैतिक और वैचारिक स्थिति में पंहुच गई है.” इसी के साथ ही कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए अनामिका ने कहा कि “भारत में रहकर भारत की आत्मा को न समझ पाने की चूक पार्टी को किस रसातल में ले जायेगी, राम जाने.”
तो वहीं इस कविता को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि “ग़म नहीं है इसका किसने हमें “सताया” है, शीशा नहीं “सागर” नहीं “मंदिर” सा इक दिल “ढाया” है.” साथ ही आचार्य प्रमोद ने ये भी कहा कि ‘इतिहास लिखा जायेगा.’ इससे पहले आचार्य प्रमोद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर कई सवाल दागे थे और कहा था कि आज कांग्रेस में रहने का मतलब चमचागीरी और झूठ बोलना ज़रूरी हो गया है. सवाल मुझे निकालने का नहीं है बल्कि वो कांग्रेस जो महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, इंदिरा गांधी की कांग्रेस थी उसे आज किस रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया गया है. इसी के साथ ही आचार्य प्रमोद ने पीएम मोदी के साथ खुद को खड़ा रखने की बात कही थी. मालूम हो कि आचार्य प्रमोद कृष्णम पिछले काफ़ी समय से कांग्रेस पार्टी की नीतियों से हटकर काम कर रहे थे और लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे. उन्होंने कांग्रेस के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने पर भी सवाल खड़ा किया था व हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर 19 फरवरी को होने जा रहे ‘श्री कल्कि धाम’ के शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया था. बताया जा रहा है कि कांग्रेस उनके इन कामों व बयानों से नाराज थी.
-भारत एक्सप्रेस
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