
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के अवसर पर भारतीय संस्कृति और आस्था को सम्मान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह न केवल भारत की एकता को प्रोत्साहित करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बूस्ट देता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या, काशी और प्रयागराज के धार्मिक स्थलों के विकास को महत्वपूर्ण उदाहरण बताया, जिनसे भारतीय संस्कृति को नई पहचान मिली है और आर्थिक वृद्धि को भी गति मिली है.
आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम: महाकुंभ का प्रभाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को मुंबई में आयोजित ‘युवा उद्यमियों से संवाद’ में शामिल हुए, जहां उन्होंने महाकुंभ पर उंगली उठाने वालों को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ का विरोध करने वालों के मुकाबले उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर है. उनका मानना है कि अगर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 7500 करोड़ रुपये खर्च करती है और उससे 3 से 3.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आर्थिक वृद्धि होती है, तो वह सौदा पूरी तरह से सही है. इस पर उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, प्रयागराज, चित्रकूट और गोरखपुर जैसे धार्मिक स्थलों ने बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन के जरिए भारतीय संस्कृति का प्रचार किया है, साथ ही इन स्थानों ने भारत की आर्थिक ताकत को भी दर्शाया है.
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की विशाल संख्या
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक संख्या का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. अगले 9 दिनों तक यह उत्सव इसी रूप में चलता रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यही भारत की वास्तविक क्षमता है. अगर भारत की आस्था को सही सम्मान दिया गया होता, तो यह देश और भी ऊंचाइयों को छू सकता था.
अयोध्या, काशी और प्रयागराज का विकास
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अयोध्या, काशी और प्रयागराज में श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है. अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण और काशी विश्वनाथ धाम के विकास से भी इन स्थानों की आस्थावादी पहचान मजबूत हुई है. उन्होंने बताया कि 2016-17 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी, तब श्रद्धालुओं की संख्या महज 2.35 लाख थी, लेकिन अब 2024 में यह संख्या 14 से 15 करोड़ के बीच पहुंच गई है. यही नहीं, काशी में श्रद्धालुओं की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, और यह राज्य की आर्थिक प्रगति के साथ जुड़ा हुआ है.
निवेश और रोजगार सृजन
मुख्यमंत्री ने युवाओं से संवाद करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल अब काफी बेहतर हो गया है. यूपी सरकार ने ओडीओपी (One District One Product) योजना के तहत परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा दिया है, जिससे स्थानीय उत्पादों की पहचान बढ़ी है और राज्य का निर्यात भी बढ़ा है. मुरादाबाद, भदोही और फिरोजाबाद जैसे शहरों में भी पुराने उद्योगों का पुनरुद्धार हुआ है और इनसे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं. उन्होंने उदाहरण के तौर पर मुरादाबाद का जिक्र किया, जहां 16-17 हजार करोड़ रुपये का निर्यात हो रहा है.
इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का विकास
सीएम योगी ने कुम्भ मेले के दौरान बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धियों पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि महाकुंभ के आयोजन के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे यातायात, सड़कें और अन्य बुनियादी सुविधाएं बेहतर हुईं. कुम्भ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने नौ रेलवे स्टेशनों का विस्तार किया और प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की. इसी प्रकार राज्य सरकार ने फ्लाइट, बसों और अन्य परिवहन सुविधाओं का भी विस्तार किया.
आस्था और विकास का संगम
मुख्यमंत्री ने युवा उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अयोध्या, प्रयागराज और काशी के धार्मिक स्थलों को देखें और इन स्थानों से जुड़ी आस्था की शक्ति को महसूस करें. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आस्था का मामला नहीं है, बल्कि इससे संबंधित आर्थिक गतिविधियों से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है. इसके अलावा, आस्था के साथ ही इन स्थानों पर होने वाले निवेश और रोजगार सृजन से कई लोगों की जीवन-यात्रा बदल रही है.
सीएम योगी ने युवाओं से अपील की कि वे भविष्य में इन धार्मिक स्थानों की यात्रा करें और इन्हें और अधिक प्रोत्साहित करें, ताकि भारतीय संस्कृति का सम्मान बढ़े और राज्य की आर्थिक प्रगति में योगदान हो.
-भारत एक्सप्रेस
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