बदलते मौसम के कारण हर किसी को जुकाम-खांसी की समस्या होती है. हमारा शरीर का तापमान इस मौसम के बदलाव से प्रभावित होता है तो हर किसी को कोल्ड हो जाता है. खासकर बच्चों में इस समस्या से ज्यादा आसार पड़ता हैं क्योंकि वे बैक्टीरियल इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. ऐसे में माता-पिता बच्चों को समस्या से राहत दिलाने के लिए दवा तुरंत दे देते हैं. लेकिन क्या तुरंत दवा देना सही है? ऐसा माना जाता है कि जुकाम के बाद कुछ समय तक दवा या एंटीबायोटिक से दूरी बनाए रखना जरूरी होता है. चलिए जानते है कुछ जरूरी बातें.
बदलते मौसम की वजह से जुकाम की समस्या ज्यादा होती है. कोल्ड बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होती है. इसमें हमारे नोजल सिस्टम में समस्या पैदा हो जाती है और नाक बहने लग जाती है. जिस वजह से लगातार छींक और जैसी समस्याएं होने लगती हैं. किसी को अकसर ये समस्या हो तो उसे साइनस से जुड़ी जांच करवानी चाहिए.
मौसम में बदलाव की वजह से बच्चों इंफेक्शन जल्दी हो जाता है. बैक्टीरियल इंफेक्शन के अलावा बॉडी टेंपरेचर पर असर पढ़ जाता है. अगर इन्फेक्शन ज्यादा होता हैं तो आप डॉक्टर को दिखा दें. वहीं नॉर्मल वायरल दो से चार दिन में खत्म हो जाता है. जुकाम के होने पर तुरंत दवा लेने से हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है.
जुकाम के दौरान टॉक्सिक बाहर निकलते हैं. बच्चे को तुरंत दवा देने से प्रॉब्लम घटनी नहीं बल्कि बढ़ती है. जो लोग एंटीबायोटिक के आदी होते हैं उन्हें एक वक्त पर सुपरबग की सिचुएशन का सामना करना पड़ सकता है जिसमें दवा अपना असर दिखाना बंद कर देती है. जुकाम में दवा लेने से नोजल सिस्टम में बनी सूजन तो ठीक हो जाती है पर इम्युन सिस्टम बिगड़ जाता है.
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