ICMR New Guidelines: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन (NIN) की एक्सपर्ट कमिटी ने पैक्ड फूड और पेय पदार्थों में चीनी की मात्रा को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की है. ज्यादा चीनी, फैट और नमक वाले खाने से बचा जाना चाहिए. इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. दिशानिर्देशों में सुझाव दिया गया है कि पैकेज्ड फूड और पेय पदार्थ में शुगर की मात्रा तय होनी चाहिए. आमतौर पर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में चीनी का अधिक मात्रा में इस्तेमाल होता है इसलिए इसका सेवन सीमित करना चाहिए.
गाइडलाइंस में कहा गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड और हाई सैचुरेटेड फैट के नियमित सेवन से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी रोग और एनीमिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) में आमतौर पर ज्यादा चीनी और नमक होता है. प्रोसेस्ड फूड्स में कैलोरी की मात्रा अधिक और फाइबर की मात्रा कम होती है. गाइडलाइंस में कहां गया है कि जेम्स, फ्रूट पल्प, कार्बोनेटेड बेवरेज, हेल्थ ड्रिंक समेत ऐसे खाद्य पदार्थों का सीमित प्रयोग ही करें.
चीनी की लिमिट: 5% एनर्जी एडेड शुगर से होती है, कुल चीनी से 10% से ज्यादा एनर्जी नहीं होना निर्धारित किया गया है.
फैट की लिमिट: 15% एनर्जी एडेड फैट से होती है, कुल फैट से 30% से ज्यादा एनर्जी नहीं होना निर्धारित किया गया है.
चीनी की लिमिट: 10% एनर्जी जोड़ी गई चीनी से और कुल चीनी (फलों के रस/दूध में मौजूद चीनी सहित) से 30% एनर्जी से अधिक नहीं होना निर्धारित किया गया है/
फैट की लिमिट: 15% एनर्जी जोड़ी गई फैट से और कुल फैट से 30% ऊर्जा से अधिक नहीं हो, यह निर्धारित किया गया है/
पैकेज्ड खानों में कितनी एडेड शुगर और टोटल शुगर की कितनी मात्रा हो, यह तय होना चाहिए. चीनी के अधिक सेवन से होने वाले संभावित खतरों को कूल ड्रिंक, पैकेज्ड जूस, कुकीज, केक, हेल्थ ड्रिंक में चीनी की मात्रा के लिए सीमा तय करने की सिफारिश की है.
इससे पहले आईसीएमआर और एनआईएन ने जो गाइडलाइंस जारी की थी, उसमें बताया था कि खाने- पीने में लापरवाही से कई तरह की बीमारियां हो रही है. स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर डायबिटीज, फैटी लीवर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है. ज्यादा फैट वाला खाना बहुत नुकसानदायक होता है.
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फैटी लीवर की समस्या एक बड़ी जनसंख्या को हो रही है. जब आपके लीवर में बहुत अधिक वसा हो जाती है तो यह समस्या होती है. जिन पैकेट फूड में ज्यादा तेल, नमक और चीनी का प्रयोग होता है, उससे बचना चाहिए. बच्चों में पैकेट फूड की आदत एक समस्या बन रही है. ज्यादा फैट, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों का का सेवन करने से वजन बढ़ना, हार्ट डिजीज, त्वचा संबंधी बीमारियां, डायबिटीज, किडनी और लीवर समेत कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
अगर किसी खाद्य पदार्थ में नैचुरल तौर पर मीठा होता है और उस उत्पाद में अलग से चीनी मिलाई गई हो तो उसे एडेड शुगर कहते हैं. गाइडलाइंस में कहा गया है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा फ्रेश फूड ही लेना चाहिए. प्रोसेस्ड फूड की मात्रा कम करनी चाहिए. मिलेट्स, दाले, ताजे फल, ताजी सब्जियों का प्रयोग अपने आहार में बढ़ाना होगा.
डॉक्टर्स का कहना है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड को पचाने में दिक्कत होती है. इससे ब्लड शुगर भी बढ़ जाता है. मोटापे की समस्या आ जाती है. उनका कहना है कि वैसे तो प्रोसेस्ड फूड भी सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. प्रोसेस्ड फूड में मैदा और ब्रेड जैसे उत्पाद आते हैं, वहीं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में बर्गर, डीप फ्राई खाद्य पदार्थ होते है.
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पाद अगर बहुत ज्यादा खाते हैं तो शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को न्यौता देना होता है, जो बाद में दिल से जुड़े रोगों में तब्दील हो जाती है. मान लीजिए शुगर की बीमारी जो एक उम्र के बाद अगर आनी हो तो इस तरह का खाना खाकर वो समय से बहुत पहले ही आ जाएगी. ऐसे में खान- पान में संयम बहुत जरूरी है.
-भारत एक्सप्रेस
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