नॉर्मल चॉकलेट्स की तुलना में डार्क चॉकलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. इसमें थियोब्रोमाइन और फेनिलथाइलामाइन तत्व पाए जाते हैं, ये मस्तिष्क के लिए जरूरी होते हैं. इसके अलावा डार्क चॉकलेट में फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और मैंगनीज भी होता है. डार्क चॉकलेट में पोटेशियम, फॉस्फोरस और सेलेनियम भी पाया जाता है. जो कि स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. यह त्वचा की रंगत को भी बेहतर बनाता है और इसे चमकदार बनाता है. इसके अलावा यह त्वचा में नमी को बनाए रखने में मदद करता है जिससे स्किन हाइड्रेटेड रहती है.
डार्क चॉकलेट में बाकी चॉकलेट्स की तुलना में कोको अधिक होता है और चीनी कम होती है. कई रिसर्च में पता चला है कि डार्क चॉकलेट खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है. डार्क चॉकलेट खाने से हृदय रोग और डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है. चॉकलेट में आयरन, कॉपर, फ्लेवनॉल्स और फास्फोरस समेत कई पोषक तत्व हैं, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. बैड कोलेस्ट्रॉल को लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कहा जाता है, जिसके बढ़ने से ब्लड फ्लो में परेशानी होने लगती है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याएं होने लगती हैं
हाई ब्लड प्रेशर, प्लेटलेट का गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या कार्डियो मेटाबोलिक यानी हृदय संबंधी जोखिम कारक माने गए हैं. वहीं, संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन हृदय के लिए फायदेमंद हो सकता है. रिसर्च के मुताबिक, डार्क चॉकलेट में एपिप्टिन, कैटेचिन और प्रोसीएनिडिन्स जैसे फ्लेवनॉल (flavanol) मौजूद होते हैं. इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं.
ज्यादातर लोग इस समय किसी न किसी तनाव का सामना कर रहे हैं. लगातार रहने वाला तनाव डिप्रेशन का भी कारण बन सकता है. इस परेशानी में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नज़र आते हैं. ऐसे में इस परेशानी से बचने या मूड को ठीक करने के लिए डार्क चॉकलेट लाभकारी हो सकती है.
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए भी डॉर्क चॉकलेट के लाभ देखे जा सकते हैं. NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित दो अलग-अलग अध्ययनों से यह बात साफ़ होती है. एक रिसर्च देखने पर पता चलता है कि लो फैट डाइट के साथ प्लांट स्टेरोल्स (plant sterols) और कोको फ्लैवेनॉल्स (cocoa flavanols) युक्त डार्क चॉकलेट का प्रयोग करने से कोलेस्ट्रॉल में कमी हो सकती है. साथ ही इसके प्रयोग से हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है.
बदलते मौसम के साथ हल्की-फुल्की बीमारियां लगी रहती हैं. सर्दी-जुकाम भी उन्हीं बीमारियों में से एक है. ऐसे में सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है. असल में, डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक एक रासायनिक पदार्थ होता है. यह पदार्थ श्वसन तंत्र संबंधी परेशानियों से निजात पाने में मदद कर सकता है. इन परेशानियों में सर्दी-जुकाम भी शामिल हैं.
हाई बीपी की समस्या में भी डार्क चॉकलेट के मददगार हो सकती है. एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव मौजूद होता है, जिसकी वजह से इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से हाई बीपी में कमी हो सकती है.
-भारत एक्सप्रेस
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