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डायबिटीज की दहलीज पर कदम रखने से पहले संभलें: जानिए प्रीडायबिटीज से बचाव के असरदार तरीके!

मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जो शरीर में अनेक अन्य बीमारियों को जन्म देती है और धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती जाती है. भारत में 2024-25 तक लगभग 8.94 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित होंगे. बिगड़ती जीवनशैली के चलते मधुमेह अब हर परिवार का हिस्सा बनता जा रहा है और आने वाले वर्षों में इसके मामलों में और बढ़ोतरी की आशंका है.

तो आइए जानते हैं कि मधुमेह और प्रीडायबिटीज क्या है.

प्रीडायबिटीज क्या है?

जब रक्त में शुगर का स्तर सामान्य और मधुमेह के बीच बना रहता है, तो उसे प्रीडायबिटीज कहा जाता है. यह मधुमेह की पूर्व अवस्था है, जो समय रहते पहचान ली जाए तो डायबिटीज को रोका जा सकता है.

प्रीडायबिटीज के पहचान कैसे करें

  • यदि आपका फास्टिंग शुगर लेवल 100-125 mg/dl के बीच है, तो आप प्रीडायबिटीज की श्रेणी में आते हैं.
  • यदि आपकी HbA1c रिपोर्ट 5.7% से 6.4% के बीच है, तो भी यह प्रीडायबिटीज को दर्शाता है.

प्रीडायबिटीज कैसे विकसित होता है?

हमारे शरीर में स्थित पैंक्रियाज एक महत्वपूर्ण अंग है, जो इंसुलिन नामक हार्मोन बनाता है. इंसुलिन रक्त में मौजूद शुगर को कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है.
जब हम अत्यधिक मात्रा में चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं, तो शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. इस स्थिति में पैंक्रियाज ज्यादा इंसुलिन बनाता है.
समय के साथ शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित हो जाता है, यानी कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं. इस प्रक्रिया के चलते अंततः पैंक्रियाज कमजोर हो जाता है और इंसुलिन बनाना कम कर देता है, जिससे प्रीडायबिटीज डायबिटीज में बदल जाती है.

शुगर बढ़ने के मुख्य कारण:

  • भोजन में अत्यधिक शुगर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन.
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी.
  • मोटापा और अनुवांशिक कारण.
  • मानसिक तनाव और असंतुलित जीवनशैली.

प्रीडायबिटीज के लक्षण:

  • लगातार कमजोरी महसूस होना.
  • बिना कारण थकान रहना.
  • रात में बार-बार पेशाब आना.
  • मुंह का सूखना.
  • मांसपेशियों का शिथिल होना.
  • अत्यधिक मीठा खाने की इच्छा.
  • परिवार में मधुमेह का इतिहास होना.

प्रीडायबिटीज से बचाव के उपाय:

  • भोजन में कार्बोहाइड्रेट और मीठे पदार्थों की मात्रा कम करें.
  • नियमित रूप से योग, प्राणायाम और 30 मिनट की तेज चाल से पैदल चलना.
  • शराब और धूम्रपान से बचें.
  • रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें.
  • हर 6 महीने या साल में ब्लड शुगर की जांच कराते रहें.

कुछ असरदार घरेलू नुस्खे:

  • मेथी दाना: अंकुरित या रातभर भिगोकर सेवन करें.
  • करेला, खीरा और टमाटर का मिश्रित जूस सुबह खाली पेट लें.
  • गिलोय का काढ़ा सीमित मात्रा में सेवन करें.
  • सहजन (मोरिंगा) की सब्जी भोजन में शामिल करें.
  • जामुन के सिरके या होम्योपैथिक मदर टिंचर का उपयोग करें.

यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह अवश्य लें.


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-भारत एक्सप्रेस

Neeraj Rai

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