पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान कमेंटेटर इरफान पठान का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम प्रबंधन को अब सख्त फैसले लेने की जरूरत है. पठान ने सुझाव दिया कि मुख्य कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं को संघर्ष कर रहे विराट कोहली की जगह किसी युवा खिलाड़ी को मौका देना चाहिए.
भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से गंवाई और कोहली का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पांच मैचों की इस सीरीज में कोहली ने 9 पारियों में सिर्फ 190 रन बनाए. उनका औसत 23.75 रहा.
इरफान पठान ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कोहली की खराब फॉर्म की आलोचना की. उन्होंने खासतौर पर कोहली की पहली पारी में गिरती औसत पर जोर दिया. पठान ने यह भी कहा कि कोविड दौर के बाद से कोहली के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है.
पठान ने कहा, “2024 में पहली पारी में, जहां खेल की नींव रखी जाती है, विराट कोहली का औसत सिर्फ 15 का है. अगर पिछले पांच साल के आंकड़े देखें तो उनका औसत 30 तक भी नहीं पहुंचता. क्या भारतीय टीम को अपने सीनियर खिलाड़ी से यही प्रदर्शन चाहिए? इसके बजाय, किसी युवा खिलाड़ी को लगातार मौके दीजिए. उसे समय दीजिए, वह भी 25-30 का औसत ला सकता है. क्योंकि यहां टीम की बात हो रही है, न कि व्यक्तिगत प्रदर्शन की.”
पठान ने भारतीय टीम में ‘सुपरस्टार संस्कृति’ के बजाय ‘टीम संस्कृति’ को बढ़ावा देने की जरूरत बताई. उन्होंने सवाल उठाया, “कोहली ने आखिरी बार कब घरेलू क्रिकेट खेला था, जब वह टीम से बाहर थे? ऐसा हुए लगभग एक दशक हो गया है. उस समय तक महान सचिन तेंदुलकर भी घरेलू क्रिकेट खेलने आते थे, जबकि उन्हें इसकी जरूरत नहीं थी. फिर भी उन्होंने खेला.”
2020 के बाद से विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में लगातार संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने 39 मैचों (69 पारियों) में 30.72 के औसत से 2,028 रन बनाए. इसमें केवल तीन शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं. 2024 से अब तक उनके आंकड़े और खराब हुए हैं. 11 मैचों (21 पारियों) में उन्होंने 23.15 के औसत से सिर्फ 440 रन बनाए. इसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है. पहली पारी में उनका औसत मात्र 15.63 रह गया है, जबकि दूसरी पारी में यह 33.50 है.
इस खराब फॉर्म का असर उनके कुल टेस्ट औसत पर भी पड़ा है. 2019 में उनका औसत 54.97 था, जो अब घटकर 46.85 हो गया है. कभी टेस्ट क्रिकेट के सबसे प्रभावी बल्लेबाज माने जाने वाले कोहली अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. इंग्लैंड दौरे से पहले यह सवाल उठ रहे हैं कि प्रबंधन उन्हें कब तक समर्थन देगा या उनके टेस्ट करियर को लेकर कोई कड़ा फैसला लिया जाएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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