Khel Ratna Award 2025: दो बार की ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर और शतरंज के विश्व चैंपियन डी. गुकेश का नाम खेल मंत्रालय ने गुरुवार को ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना है. इनके अलावा पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण कुमार को भी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलेगा. खेल रत्न भारत में खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ा सम्मान है.
इसके अलावा, खेल मंत्रालय ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 32 खिलाड़ियों के नाम की घोषणा की है, जिसमें 17 पैरा-एथलीट भी शामिल हैं.
हाल ही में खबरें आईं कि मनु भाकर का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए सिफारिश की गई खिलाड़ियों की सूची से गायब है, जिससे विवाद खड़ा हो गया था. इस पर मनु के पिता राम किशन और कोच जसपाल राणा ने नाराज़गी जताई थी. हालांकि, मनु भाकर ने स्वीकार किया था कि नामांकन दाखिल करते समय उनसे कोई चूक हो सकती है.
मनु भाकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “सबसे प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन को लेकर चल रहे मुद्दे पर मैं कहना चाहती हूं कि एक खिलाड़ी के रूप में मेरा काम अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है. पुरस्कार और पहचान मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन वे मेरा लक्ष्य नहीं हैं. मुझे लगता है कि नामांकन दाखिल करते समय मुझसे कोई चूक हुई होगी, जिसे अब ठीक किया जा रहा है. पुरस्कार मिले या न मिले, मैं अपने देश के लिए और पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी. मेरी सभी से विनम्र अपील है कि इस मामले पर कोई अटकलें न लगाएं.”
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनीं.
पेरिस ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता. यह पिछले 20 सालों में पहली बार हुआ जब भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीता. इससे पहले 2022 टोक्यो ओलंपिक में भी टीम ने कांस्य पदक जीता था.
18 साल के डी. गुकेश ने दिसंबर में सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने फिडे वर्ल्ड चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम किया. इसके अलावा, उन्होंने शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने में भी मदद की.
पैरा हाई-जंप एथलीट प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में टी64 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता. टी64 कैटेगरी उन एथलीटों के लिए होती है जिनके घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते और जो दौड़ने के लिए कृत्रिम पैरों का उपयोग करते हैं.
खेल रत्न के अलावा 32 खिलाड़ियों को 2024 में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. इनके साथ एथलीट सुचा सिंह और पैरा तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर को अर्जुन अवॉर्ड लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. बेहतर कोचिंग देने के लिए पांच लोगों को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेगा, जिसमें बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन और फुटबॉल कोच अरमांडो एगनेलो कोलासो को लाइफटाइम वर्ग में शामिल किया गया है. फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिलेगा. वहीं, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को ओवरऑल यूनिवर्सिटी विजेता के तौर पर मौलाना अबुल कलाम आजाद (माका) ट्रॉफी मिलेगी. लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फर्स्ट रनरअप और अमृतसर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी सेकेंड रनरअप रही.
अर्जुन पुरस्कार
द्रोणाचार्य अवॉर्ड
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार
-भारत एक्सप्रेस
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