-भारत एक्सप्रेस
Team India: कभी वाइट बॉल क्रिकेट की बादशाह कहने वाली टीम आज इस खेल में लाचार नजर आ रही है. करीब एक साल से ज्यादा का समय होने जा रहा है, लेकिन टीम इंडिया का फ्लॉप शो जारी है. साल 2021 के बाद टीम इंडिया (Team India) को नए कोच और कप्तान का साथ मिला, फैंस ने उम्मीद लगाई कि अब सब कुछ सही होने वाला है. शुरुआत में ऐसा लगा भी मगर उसके बाद टीम इंडिया (Team India) ने बैक-टू-बैक खराब प्रदर्शन किया. पहले एशिया कप और उसके बाद टी-20 वर्ल्ड कप में रोहित ब्रिगेड ने घुटने टेक दिए. इसके बाद अब बांग्लादेश दौरे पर भी टीम इंडिया (IND vs BAN) का लचर प्रदर्शन जारी है. लगातार टीम का फ्लॉप शो देखकर अब कप्तान रोहित शर्मा का गुस्सा बम की तरह फूटा है. मैच के बाद उनके एक बयान ने पूरी टीम, मैनेजमेंट, BCCI और NCA को कटघड़े में ला खड़ा किया है.
टीम इंडिया में ‘फिटनेस घोटाला’
बेशक बांग्लादेश कमजोर टीम नहीं है, लेकिन उनके मुकाबले टीम इंडिया का पलड़ा भारी है. फिर भी भारत ने सीरीज गंवा दी. इस हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने नेशनल क्रिकेट एकेडमी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों? दरअसल, रोहित शर्मा ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि टीम आधे-अधूरे फिट खिलाड़ियों के साथ नहीं खेल पाएगी. उनके इस बयान के बाद अब सवाल ये है कि आखिर कप्तान को कौन सा खिलाड़ी आधा-अधूरा फिट मिला? और उन्हें एशिया कप और वर्ल्ड कप गंवाने के बाद ये बात समझ में आई है.
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रोहित शर्मा का पूरा बयान
रोहित शर्मा ने दूसरे वनडे के बाद कहा, ‘हमें एनसीए में बैठकर खिलाड़ियों के वर्कलोड पर नजर रखने की जरूरत है. मेरा मतलब है कि निश्चित रूप से कुछ खिलाड़ियों की चोट की चिंताएं हैं. हमें कोशिश करने और इसकी तह तक जाने की ज़रूरत है. मुझे नहीं पता कि यह वास्तव में क्या है. हो सकता है कि वे बहुत अधिक क्रिकेट खेल रहे हों. हमें कोशिश करने और उन लोगों पर नज़र रखने की ज़रूरत है.’ क्योंकि यह समझना महत्वपूर्ण है कि जब वे भारत के लिए खेलते हैं, तो उन्हें 100% फिट होना है.
क्या NCA की है गलती?
बेंगलुरू में स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी का काम खिलाड़ियों की फिटनेस और उनके खेल के स्तर को बढ़ाना होता. अगर कोई भी खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसे NCA ही जाना होता है. एक बार खिलाड़ी के चोटिल होने के बाद जब तक एनसीए ग्रीन सिग्नल नहीं देता तब खिलाड़ी टीम के साथ नहीं जुड़ते. पिछले काफी समय से बुमराह, शमी और दीपक चाहर ने एनसीए में समय बिताया. उसके बाद वो टीम से भी जुड़े लेकिन एक दो मैच के बाद ही वो चोटिल हो जाते हैं. ऐसे में सवास ये उठ रहा है कि क्या NCA अपना काम सही से नहीं कर रहा है.
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