खेल

एक साथ करियर की शुरुआत, फिर भी सचिन से पिछड़ गए कांबली…सफलता के लिए सिर्फ प्रतिभाशाली होना काफी नहीं, समर्पण और अनुशासन भी जरूरी

हाल ही में क्रिकेट के ‘भगवान’ यानी सचिन तेंदुलकर और उनके दोस्त रहे पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. दोनों बाल सखा की ये मुलाकात उनके दिवंगत गुरु रमाकांत आचरेकर स्मारक के अनावरण कार्यक्रम के दौरान हुई. लेकिन इस मुलाकात की खूब चर्चा हो रही है. लगभग हम उम्र होने के बावजूद दोनों की बॉडी लैंग्वेज, बात करने के तरीके और रहन-सहन में जमीन आसमान का अंतर नजर आया. वीडियो में देखा जा सकता है कि सचिन खुद अपने बचपन के दोस्त कांबली से मिलने उनके पास गए. सचिन के पहुंचते ही कांबली ने उनका हाथ पकड़ लिया. कांबली, सचिन को अपने पास बैठाना चाहते थे, उन्होंने सचिन का हाथ कसकर थाम लिया. वो उन्हें छोड़ना नहीं चाहते थे. इसी बीच कोई तीसरा शख्स बीच में आता है और कांबली को हाथ छोड़ने को लेकर समझाता है. इसके बाद सचिन उनसे अलग हो जाते हैं और अपनी कुर्सी पर बैठ जाते हैं. इस वीडियो में विनोद कांबली काफी कमजोर और उम्रदराज लग रहे हैं. विनोद गणपत कांबली अपनी बुरी आदतों और कुसंगति के चलते बेबस, लाचार और गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. ऐसा भी नहीं है कि किस्मत ने सिर्फ सचिन का साथ दिया और कांबली का नहीं, क्योंकि सचिन और कांबली ने एक ही गुरु से क्रिकेट के गुर सीखे. लगभग एक ही वक्त करियर का आगाज भी किया, लेकिन मास्टर ब्लास्टर सचिन आज करोड़ों दिलों पर राज करते हैं. अपनी प्रतिभा, मेहनत, समर्पण और अनुशासन के दम पर सचिन रमेश तेंदुलकर आज क्रिकेट के ‘भगवान’ कहे जाते हैं, तो वहीं कांबली इस उम्र में ही बूढ़े सरीखे दिखाई देते हैं.

स्कूली टूर्नामेंट में रिकॉर्ड साझेदारी

एक वक्त था जब क्रिकेट की दुनिया में सचिन-कांबली का डंका बज रहा था. साल 1988 में मुंबई के आजाद मैदान पर गुरु रमाकांत आचरेकर के इन दोनों शिष्यों ने ऐसा प्रदर्शन किया, जिसकी गूंज पूरे क्रिकेट जगत में सुनाई देने लगी. एक टूर्नामेंट में शारदाश्रम विद्यामंदिर की ओर से खेलते हुए दोनों ने 664 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी. 16 साल के कांबली ने नाबाद 349 रन, तो 14 साल के सचिन ने नॉटआउट 326 रन बनाए थे. वो पार्टनरशिप सचिन और कांबली के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई. इसी पार्टनरशिप ने दोनों के लिए मुंबई और भारतीय टीम में सेलेक्शन का रास्ता साफ किया.

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू

सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 पाकिस्तान के खिलाफ कराची टेस्ट के जरिए इंटरनेशनल करियर का आगाज किया,तो उनके जिगरी दोस्त कांबली ने अक्टूबर 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में वनडे डेब्यू किया. इसके बाद कांबली फरवरी 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गार्डन्स में अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलने उतरे. टेस्ट क्रिकेट में कांबली की शुरुआत इतनी धमाकेदार रही कि उन्होंने पहले सात टेस्ट मैच में 4 शतक ठोक डाले, जिनमें दो दोहरा शतक था. भारत की ओर से सबसे तेज 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड भी कांबली के नाम ही है, जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है. वनडे में भी कांबली के नाम कुछ शानदार पारियां भी हैं, साल 1993 में अपने 21वें बर्थ डे पर कांबली ने सेंचूरी लगाई थी. उनकी तुलना दुनिया के तत्कालीन दिग्गज क्रिकेटरों से की जाने लगी. लेकिन इसी बीच कांबली पर मानों सफलता का नशा छाने लगा और वो चकाचौंध में खोते चले गए, वहीं सचिन क्रिकेट की दुनिया में छोटे कदमों से आगे बढ़ते रहे.

बुरी आदतों के चलते करियर तबाह

अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर कांबली रातों रात स्टार बन गए. लेकिन अपनी बुरी आदतों के चलते कांबली का करियर अर्श से फर्श पर आने लगा. कांबली को कई बार टीम इंडिया में शामिल किया गया, लेकिन चाहकर भी अपना पुराना प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए. कांबली ने महज 24 साल की अपना आखिरी टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 1995 में खेला, तो वहीं आखिरी वनडे मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ. कांबली ने साल 2009 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, तो साल 2011 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उधर मुंबई में अक्सर उनका नाम गलत कामों से जुड़ता चला गया. नाइट क्लब में पार्टी करना, नाचना-गाना और नशे की लत ने उनकी जिंदगी और करियर को तबाह कर दिया. कभी उनके शराब के नशे में गिरे होने की खबरें सामने आती थी, तो कभी किसी झगड़े में. साल 2022 में तो कांबली कथित तौर पर नशे की हालत में गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था. वहीं इसके उलट सचिन सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहे, लेकिन इस दौरान खुद को क्रिकेट के समर्पित और अनुसाशित भी बनाए रखा. कभी किसी विवाद में उनका नाम सामने नहीं आया.

कांबली की ओर बढ़े मदद के हाथ

इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि इतने प्रतिभाशाली क्रिकेटर होने के बावजूद विनोद कांबली आज इस तरह की गुमनामी जिंदगी जीने को मजबूर है. इस वीडियो ने क्रिकेट प्रशंसकों को भावुक कर दिया. कांबली की मदद के लिए हर ओर से अपील की जाने लगी. जिसके बाद कांबली की मदद के लिए तेजी से हाथ बढ़ने लगे हैं. पूर्व क्रिकेटर और लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर ने कांबली को लेकर एक बड़ा वादा किया है. उन्होंने कहा कि हम कांबली का ख्याल रखना चाहते हैं और अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद करना चाहते हैं. हम ये कैसे कर सकते हैं, उस पर आगे सोचा जाएगा, लेकिन किस्मत के आगे बेबस खिलाड़ियों की हर संभव मदद करना चाहते हैं. उधर पूर्व तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू के मुताबिक कपिल देव भी कांबली के इलाज का खर्च उठाने की बात कही है. हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है. लेकिन कपिल चाहते हैं कि कांबली पहले रिहैब के लिए जाएं. इसके बाद इलाज चाहे जितना लंबा चलेगा, जितना भी खर्च आएगा, वो इसका वहन करेंगे.

कांबली का क्रिकेट करियर

​​​​​​कांबली ने भारत के लिए 17 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 54.20 की औसत से कुल 1084 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में कांबली के नाम 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल है. वहीं 104 वनडे मैच में 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए. वनडे क्रिकेट में उनके नाम 2 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है. तो ये था कांबली का क्रिकेट करियर. उनकी निजी कुछ खास सफल नहीं रही. विनोद कांबली ने दो शादियां की. उनकी पहली शादी सफल नहीं रही. इसके अलावा उन्होंने राजनीति में हाथ आजमाया, तो कुछ फ्लॉप फिल्मों में भी काम किया. कांबली की जिंदगी युवा पीढ़ी को काफी सीख देती है. आप में टैलेंट कितना भी हो, लेकिन अगर समर्पण और अनुशासन नहीं है, तो किसी भी प्रतिभाशाली शख्स की जिंदगी भी तबाह हो सकती है.

-भारत एक्सप्रेस

दीपक मिश्रा

Recent Posts

Bharat Express का मेगा कॉन्क्लेव ‘नये भारत की बात, उत्तराखंड के साथ’ आज, CM पुष्कर सिंह धामी समेत शामिल होंगी दिग्गज हस्तियां

देवभूमि उत्तराखंड की रजत जयंती पर भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से एक मेगा…

2 hours ago

दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, संदीप दीक्षित, देवेंद्र यादव को टिकट

कांग्रेस ने गुरुवार को अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें कुल 21 उम्मीदवारों के नाम…

4 hours ago

D Gukesh अब सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन, AICF प्रेसिडेंट डॉ. संजय कपूर से जानिए कैसे पूरा हुआ भारतीयों का सपना

डोम्माराजू गुकेश (D Gukesh) ने शतरंज की दुनिया में नया इतिहास रच दिया है. उन्होंने…

4 hours ago

दिल्ली हाई कोर्ट ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू न किए जाने पर जताई चिंता

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जवाब देने का एक और मौका दिया है,…

4 hours ago

दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी, CAG की रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखने के लिए LG को भेजा

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थाई वकील ने स्पष्ट किया कि उनके पास इस…

5 hours ago

भारत के 95 प्रतिशत गांव 4G नेटवर्क से जुड़े: केंद्र

सरकार ने बताया कि ग्रामीण भारत में 97% गांव मोबाइल नेटवर्क से जुड़े हैं, जिनमें…

5 hours ago