“देश की संपत्ति कुछ लोगों के हाथों में हैं, जबकि अधिकतर लोग दो वक्त की रोटी…”, बोले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई
उन्होंने कहा इन असमानताओं को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा वरना लोकतंत्र की यह इमारत ढह जाएगी.
उन्होंने कहा इन असमानताओं को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा वरना लोकतंत्र की यह इमारत ढह जाएगी.