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इमाम मुफ्ती मोहम्मद कासिम ने बताया, 'ये तनख्वाह 2022 के मई महीने से रुकी हुई है. इसमें इमाम और मुअज्जिन शामिल हैं, जिनकी तादाद 250 से अधिक है.

पुलिस भी अक्सर उनके खिलाफ हिंसा करने वालो के छोड़ देती है. हेडमास्टर भट्टी पर कारी इदरीस ने निशाना साधा है जो कि अहल-ए-हदीस मस्जिद का इमाम है.