21वीं सदी में भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक रहेगा जोर, दुनिया की बड़ी अर्थव्यस्थाएं भी रह जाएंगी पीछे: केपीएमजी
केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार, वे कहते हैं कि वे जेनरेटिव एआई के जोखिमों को लेकर चिंतिंत हैं. वे हितधारकों की अपेक्षाओं और कॉम्प्लेक टेक्नोलॉजी वातावरण को बदलने की बात करते हैं."