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Mirza Ghalib Birth Anniversary

मिर्जा गालिब ने लिखा था- हुई मुद्दत कि ‘गालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूं होता तो क्या होता!’. जाहिर सी बात है शेरो शायरी की बात हो और मिर्जा गालिब का जिक्र न हो भला ऐसा हो ही नहीं सकता.