Bharat Express

Shah Bano case

शाह बानो केस 1985 में भारत में महिला अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता पर गहरी बहस छेड़ने वाली घटना थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने का हक़ दिया, लेकिन राजीव गांधी सरकार ने धार्मिक तुष्टीकरण के लिए इसे पलट दिया. यह मामला आज भी भारत में धार्मिक और लैंगिक न्याय पर विमर्श को प्रभावित करता है.

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए बहुविवाह, ट्रिपल तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं को खत्म करने की जरूरत बताई.