अहमदाबाद, 29 नवंबर 2023: 2030 से पहले एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी लाने और एमिशन में कटौती करने के लिए 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक यूएन क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस (सीओपी 28) के लिए वैश्विक लीडर्स यूएई में एकत्रित होने जा रहे हैं, इस क्रम में भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर पावर जनरेटर, अडानी पावर लिमिटेड ने अपने बहुआयामी डीकार्बोनाइजेशन पहल के एक हिस्से के रूप में अपने मुंद्रा प्लांट में एक अभूतपूर्व ग्रीन अमोनिया दहन पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है।
इस प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में, भारत के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर पावर प्लांट, मुंद्रा प्लांट पर पारंपरिक कोयले से चलने वाली 330 एमडब्ल्यू यूनिट के बॉयलर में 20% तक ग्रीन-अमोनिया को को-फायर करेगा।
ग्रीन हाइड्रोजन से उत्पादित होने वाला ग्रीन अमोनिया, जो बदले में रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पन्न होता है, बॉयलर्स के लिए फीडस्टॉक का कार्य करेगा, चूंकि अमोनिया में कोई कार्बन नहीं होता है, इसलिए इसके दहन से कोई कार्बनडाई ऑक्साइड नहीं निकलती। इस तरह से यह जीवाश्म ईंधन का दीर्घकालिक कार्बन-न्यूट्रल विकल्प बन जाता है। अदाणी पावर ने पहले ही ‘प्रति-यूनिट’ एमिशन के लिए इस इंडस्ट्री में एक बेंचमार्क स्थापित कर दिया है और अपने नए प्लांट्स में अत्याधुनिक ‘अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल टेक्नोलॉजी’ को अपनाने का काम किया है.
अडानी पावर ने अन्य एपीएल यूनिट्स और स्टेशनों में भी पायलट और परीक्षण विस्तार प्रदान करने के लिए आईएचआई और कोवा-जापान के साथ साझेदारी की है। कोवा ऊर्जा-बचत और ऊर्जा-निर्माण उत्पादों में सक्रिय है, जबकि आईएचआई एक भारी उद्योग कंपनी है जिसके पास अमोनिया फायरिंग तकनीक है। मुंद्रा पावर स्टेशन उपकरण का अनुकरण करते हुए, जापान में आईएचआई सुविधा में 20% अमोनिया ब्लेंड के साथ दहन परीक्षण शुरू हो गया है। साझेदारों का मानना है कि दोनों फीडस्टॉक के बीच आर्थिक समानता हासिल होने के बाद, मुंद्रा पावर स्टेशन पर इस समाधान को लागू करने से होने वाले परिणाम काफी उत्साहजनक होंगे। मुंद्रा प्लांट जापान के बाहर ऐसी पहली जगह है जिसे इस अत्याधुनिक ग्रीन पहल के लिए चुना गया है।
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की कल्पना जापान-इंडिया क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (सीईपी) के तहत में की गई है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना, कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करना और आर्थिक विकास हासिल करना है। इसे न्यू एनर्जी एंड इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (एनईडीओ) के “डीकार्बोनाइजेशन और एनर्जी ट्रांजीशन में योगदान देने वाली जापानी प्रौद्योगिकियों के लिए इंटरनेशनल डेमोंस्ट्रेशन प्रोजेक्ट”* के तहत चुना गया है। एनईडीओ, जापान की नेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एजेंसी है जो एक स्थायी समाज की प्राप्ति के लिए आवश्यक तकनीकी विकास को बढ़ावा देकर इनोवेशन को आगे बढ़ाती है।
इस बारे में अडानी पावर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, श्री अनिल सरदाना ने कहा, “अडानी पावर बिज़नेस वैल्यू चेन में लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज और प्रोएक्टिव उपायों को अपनाने के माध्यम से अपने कार्बन फूटप्रिंट्स को कम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हम अपने मुंद्रा प्लांट के लिए ग्रीन अमोनिया की ब्लेंडिंग के लिए आईएचआई और कोवा के साथ साझेदारी करके खुश हैं, जिससे सीओ2 एमिशन कम हो जाएगा। हम इस दौरान एमिशन को कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करना जारी रखेंगे।”
अदाणी पावर लिमिटेड के बारे में:
विविधीकृत अडानी समूह का एक हिस्सा, अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल), भारत में सबसे बड़ा प्राइवेट थर्मल पावर प्रोडूसर है। कंपनी के पास गुजरात में 40 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट के अलावा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में आठ पावर प्लांट्स में फैली 15,210 मेगावाट की थर्मल पावर क्षमता है। बिजली के हर क्षेत्र में विशेषज्ञों की विश्व स्तरीय टीम की मदद से, अदाणी पावर अपनी विकास क्षमता हासिल करने की राह पर है। कंपनी भारत को पावर-सरप्लस राष्ट्र में बदलने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण और सस्ती बिजली प्रदान करने के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का उपयोग कर रही है।
-भारत एक्सप्रेस
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