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50 डिग्री के करीब पारा… गर्मी में लगातार चल रहे AC से आग का खतरा, एक्सपर्ट के बताएं इन तरीकों को करें फॉलो

भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही हैं. कई राज्यों में तापमान 49 डिग्री के पार जा चुका है, जिसकी वजह से आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. इस दिनों एयर कंडीशनर (AC) के ट्रिप होने की शिकायतें भी आने लगी हैं. यानी चलते-चलते एसी बंद हो जा रहा है. ऐसे में अगर समय पर सावधानी नहीं बरती गई, तो एसी के फटने की आशंका बढ़ जाती है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इन दिनों AC को हर एक से दो घंटे में 5 से 7 मिनट के लिए बंद कर देना चाहिए. साथ ही घंटों धूप में खड़ी गाड़ी को स्टार्ट करने से पहले गाड़ी के शीशे खोल दें, एसी, म्यूजिक सिस्टम समेत सभी फीचर को बंद कर दें. इससे गाड़ी ओवरहीट नहीं होगी.

AC से आग का खतरा

भीषण गर्मी पड़ने के चलते इन दिनों AC के ट्रिप होने की शिकायत आ रही हैं. ऐसे में एसी को ओवरहीटिंग से बचाने की जरूरत है, नहीं तो एसी के फटने की आशंका बढ़ जाती है. अगर आपके एसी का कंप्रेसर छत पर खुले में लगा है तो उसके ऊपर शेड बनवा दें, जिससे उसके टेंपरेचर में 5 से 6 डिग्री का अंतर आ जाएगा. इसके अलावा एसी चलाते वक्त हर एक से दो घंटे में 5 से 7 मिनट के लिए इसे बंद दें. एसी के कंप्रेसर या आउटर यूनिट पर एक मग पानी डाल दें, ताकि टेंपरेचर कंट्रोल में रहे.

इन दिनों एसी का तापमान कितना रखना चाहिए

  • 15 साल से कम उम्र के बच्चों के कमरे में एसी का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रखा जाए तो उन्हें सुकून की नींद आएगी.
  • बच्चों को गर्मी भी ज्यादा लगती है और सर्दी भी, ऐसे में बच्चों के कमरे का तापमान अगर 21 डिग्री होगा तो उन्हें सुकून की नींद आएगी.
  • कमरे में AC का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस होना सही रहता है. इस तापमान पर नींद अच्छी आती है.
  • अगर आप एसी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रखेंगे तो ज्यादा ठंड के कारण तबीयत खराब होने का खतरा भी रहेगा.
  • बुजुर्गों के लिए कमरे में AC का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस सही रहता है. बुजुर्गों को ठंड बहुत लगती है.
  • ऐसे में अगर उनके कमरे का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के कम होगा तो उनकी तबीयत बिगड़ सकती है.
  • एसी चलाते समय ध्यान रखें कि उसमें टाइमर सेट जरूर करें. सुबह के समय ज्यादा ठंडक के चलते भी तबीयत बिगड़ सकती है.
  • AC से कमरा सुबह तक बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है, ऐसे में आप अपने एसी का तापमान कमरे के मुताबिक पहले से सेट करके ही सोएं.

कार में आग लगने का खतरा

कार में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. आमतौर पर शॉर्ट सर्किट या वाहन के वायरिंग में किसी तरह के फॉल्ट की वजह से सबसे ज्यादा आग लगने के मामले सामने आते हैं, लेकिन इन दोनों से अलग भी कई कारण हैं. पुराने वाहनों में वायरिंग और बैटरियां के फॉल्ट के चलते, लॉन्ग रूट पर देर तक वाहन चलाने से टायर और रोड के बीच घर्षण के चलते भी आग लगने के मामले सामने आते हैं. गर्मी में तेज धूप में भी कार ज्यादा देर तक खड़ी रहे तो आग लगती है.

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इन दिनों कार में न करें ये गलती

कार के अंदर परफ्यूम न रखें

परफ्यूम में अल्कोहल होता है, जो ज्वलनशील होता है. अगर यह ज्यादा देर तक गर्म वातावरण में रहे या इस पर सूरज की रोशनी पड़े तो बोतल के अंदर गैस बनती है, जिससे विस्फोट हो सकता है.

हैंड सैनिटाइजर

हैंड सैनिटाइजर में भी अल्कोहल की मात्रा काफी होती है. अगर इसकी बोतल पर भी ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी पड़े तो इसमें गैस बनती है और विस्फोट होकर आग लग सकती है.

बैटरी और पावर बैंक भी न छोड़े

अगर कार बाहर या धूप में है तो उसके अंदर बैटरी या पावर बैंक को न छोड़ें. ज्यादा गर्म होने पर इनमें शॉर्ट सर्किट से आग लगने और विस्फोट होने का खतरा रहता है.

लाइटर न रखें

ऐसे लोग जो स्मोकिंग करते हैं, वे कार के डैशबोर्ड पर लाइटर रखकर चलते हैं. इसके अंदर भी गैस होती है. ज्यादा तेज तापमान में इसके फटने और आग लगने की आशंका रहती है.

कार्बोनेटेड पेय पदार्थ

कार के अंदर सोडा और अन्य कार्बोनेटेड पेय पदार्थ की बोतल भी छोड़ने से बचें. इनके अंदर पानी की तुलना में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड होती है. ज्यादा तापमान में इससे आग की आशंका रहती है.

फ्यूल टैंक पूरा न भरें

एक्सपर्ट बताते हैं कि कभी भी कार के फ्यूल टैंक को पूरी तरह से न भरें. कार की खिड़कियां थोड़ी खुली रखें. शाम के समय कार में ईंधन भरें.

टायरों में ज्‍यादा हवा न भरें

कार के टायरों में ज्यादा हवा न भरें. गर्मी में रोड पर घर्षण से उनके फटने या आग लगने की आशंका कहती है. अगर लंबी दूरी पर जा रहे हैं तो आपको ज्यादा सावधानी की जरूरत है.

लंबे सफर के दौरान बीच-बीच में रुकें

अक्सर इंजन ओवरहीट की वजह से भी गर्मी में आग लगती है. गर्मियों में लंबे सफर के दौरान कार को लगातार चलाने के कारण कई बार इंजन का तापमान बढ़ जाता है. जिससे आग लगने का खतरा होता है. ऐसे में कार को कुछ किलोमीटर चलाने के बाद बीच-बीच में रुकना चाहिए.

क्या उपाय करें 

यदि आपकी गाड़ी धूप में खड़ी रहती है तो गाड़ी के अंदर के पुर्जों की जांच किसी मिकैनिक से करवा लें. गाड़ी में कहीं भी स्पार्किंग हो रही हो तो तुरंत मिकैनिक से इसे ठीक करवा लें. गाड़ी चलाते वक्त गाड़ी के अंदर से यदि पेट्रोल या डीजल की महक आ रही हो तो हो सकता है गाड़ी में कहीं से पेट्रोल या डीजल लीक हो रहा हो इसलिए तेल के पाइप की जांच करें. इंजन में तेल और कूलेंट का हमेशा ध्यान रखें और खासतौर पर गर्मियों में कूलेंट को चेक करते रहें.

-भारत एक्सप्रेस 

निहारिका गुप्ता

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