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MSME इकाइयों को लेकर CM Yogi बड़ा ऐलान, युवाओं को समय पर दिया जाए ऋण; 75 नए उत्पादों को GI टैग दिलाने का रखा लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने MSME इकाइयों के विकास और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, साथ ही युवाओं को ऋण देने से पहले उन्हें प्रशिक्षण देने पर जोर दिया.

UP MSME Sector

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने MSME इकाइयों को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बदलते बाजार की मांग को देखते हुए इन इकाइयों को हमेशा अपडेट रहना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को ऋण देने से पहले उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षण देना आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास और रोजगार सृजन के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एमएसएमई विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है, और यहां की करीब 96 लाख इकाइयाँ राज्य के निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ये इकाइयाँ राज्य की अर्थव्यवस्था में एक अहम हिस्सा हैं और लगभग 1.65 करोड़ लोगों को रोजगार दे रही हैं. उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ जैसे मंत्रों को साकार करने के लिए इस क्षेत्र को और सशक्त बनाने पर जोर दिया.

MSME इकाइयों को अपडेट रखने पर जोर

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और कृषि आधारित उद्योगों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का यह सही समय है. इसके साथ ही, उन्होंने राज्य की योजनाओं को युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण समाज के आर्थिक सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से तैयार करने की आवश्यकता बताई.

मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (CM YUVA) की समीक्षा के दौरान बताया कि इस योजना के तहत 3.21 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है और 56 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं. उन्होंने संबंधित बैंकों से कहा कि युवाओं को समय पर ऋण वितरित किया जाए और इसके लिए बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए.

स्वरोजगार योजनाओं में प्रशिक्षण और विस्तार

स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करते हुए यह बताया गया कि 2018-19 में जहां 7,600 कारीगरों को प्रशिक्षण दिया गया था, वहीं 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 75,000 से ज्यादा हो गई है. मुख्यमंत्री ने इस योजना के विस्तार और प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया.

मुख्यमंत्री ने फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स के मॉडल को एमएसएमई इकाइयों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बताया और इसे अन्य नगरों में लागू करने का सुझाव दिया. इसके अलावा, निजी क्षेत्र को इसमें साझीदार बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया.

‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और लघु उद्योगों के पुनर्जीवन का आधार है. उन्होंने इसके उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के निर्देश दिए.

GI टैग प्राप्त उत्पादों की लोकप्रियता और बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के 77 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जबकि 25 उत्पादों के लिए यह प्रक्रिया जारी है. इस वर्ष 75 नए उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने जीआई टैग प्राप्त उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए संबंधित उद्यमियों को ‘जीआई ऑथराइज्ड यूजर’ के रूप में पंजीकरण करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने का संकल्प जताया और इस क्षेत्र को प्रौद्योगिकी, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए और अधिक सशक्त बनाने के लिए रणनीतियों पर काम करने का निर्देश दिया.

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-भारत एक्सप्रेस 



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