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पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी. इस झड़प के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि अरुणाचल के पास चीन ने कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड को तैनात कर दिया है.

अमेरिका के ल्यूइस्टन, मेन के एक रेस्टोरेंट में मास शूटिंग में 22 लोगों की मौत हो गई है। करीब 60 घायल हो गए हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर है। हमलावर ने ऐसा क्यों किया, इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन उसकी तस्वीर सामने आ गई है। वह हाथ में गन लेकर फायर करके जाते हुए दिख रहा है।

गाजा सिटी के अहली अरब सिटी हॉस्पिटल में 17 अक्टूबर को रॉकेट से हमला हुआ था। 500 लोगों की मौत का दावा किया गया। हमास और इजराइल ने एक-दूसरे पर हमले के आरोप लगाए। इजराइल ने कहा- हमला फिलिस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद ने किया। उनका रॉकेट मिसफायर हुआ। सबूत के तौर पर इसका वीडियो भी पेश किया।

इजरायल में मुस्लिम शरणार्थियों को जगह नहीं मिलेगी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि गाजा पट्टी के आसपास का कोई मुस्लिम देश भी इन युद्ध पीड़ितों को अप यहां शरण देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है. मिस्र और अरब देशों ने भी गाजा के मुस्लिम शरणार्थियों के मामले में हाथ खड़े कर रखे हैं.

इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच अमेरिका एक नए प्लान में जुट गया है. हमास से निपटने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहा है. ठीक इसी तरह का गठबंधन 2014 में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बना था.

पहली बार इजराइल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने माना कि इजराइल 7 अक्टूबर के हमले को रोकने में नाकाम रहा। नेतन्याहू ने कहा है कि आने वाले समय में हमला न रोक पाने के लिए मेरे साथ ही सभी को जवाब देना पड़ेगा। वहीं इजराइली सेना ने बताया कि वो रात में टैंकों के साथ उत्तरी गाजा में घुसे थे।

इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच अमेरिका एक नए प्लान में जुट गया है. हमास से निपटने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहा है. ठीक इसी तरह का गठबंधन 2014 में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बना था.

चीन ने भूटान को उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने और जल्द से जल्द सीमा विवाद सुलझाने को कहा है. इसे लेकर भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात भी की है. पर चीन और भूटान के बीच होने वाला कोई भी समझौता भारत की चिंता बढ़ा सकता है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां बागियों से जूझ रही हैं. 2018 में बीजेपी का काम बागियों ने बिगाड़ दिया था. इस बार दोनों पार्टियां रणनीति के तहत एक दूसरे के बागियों का सहारा ले रहे हैं

चुनावी राजनीति में जीत का सबसे अहम पैमाना जाति को ही माना जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में ठाकुर-ब्राह्मणों की केमिस्ट्री में जाति का ये गणित फेल होता दिख रहा है। 14 फीसदी से भी कम आबादी वाले सामान्य वर्ग को 37 प्रतिशत उम्मीदवारी मिली है।