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Tunisia: सोमवार को ट्यूनीशिया की एक अदालत ने चार संभावित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को वोट खरीदने के आरोप में आठ महीने की सजा दी है और उनको जेल भेज दिया गया है. इसी के साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राजनेताओं और एक वकील ने रायटर को इस सम्बंध में जानकारी दी और बताया कि अदालत ने यह कदम राष्ट्रपति कैस सईद के गंभीर प्रतिद्वंद्वियों को बाहर करने के उद्देश्य से उठाया है. वकील मोख्तार जमई ने बताया कि यह फैसला प्रमुख राजनीतिज्ञ अब्देल लतीफ मेक्की, कार्यकर्ता निजार चारी, न्यायाधीश मौराद मसौदी और एक अन्य उम्मीदवार आदिल डू के खिलाफ सुनाया गया है.
तो दूसरी ओर इस फैसले से विपक्षी दलों, उम्मीदवारों और मानवाधिकार समूहों का संदेह इस बात को लेकर और बढ़ गया है कि अधिकारियों पर 6 अक्टूबर को होने वाले मतदान में सईद के पुनः निर्वाचन को सुनिश्चित करने के लिए मनमाने प्रतिबंध लगाने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है. मेक्की के अभियान के प्रबंधक अहमद नफट्टी ने रायटर को बताया कि उन्होंने मंगलवार को उनकी उम्मीदवारी के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की योजना बनाई है. यह निर्णय अनुचित और अन्यायपूर्ण है, तथा इसका उद्देश्य एक गंभीर खिलाड़ी को दौड़ से बाहर करना है. चारी ने रॉयटर्स को बताया, “यह एक चौंकाने वाला नियम है, इसका उद्देश्य हमें कई प्रतिबंधों के बाद दौड़ से दूर रखना है.”
स्थानीय मोजेक रेडियो की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को देर शाम एक अन्य अदालत ने सईद के एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी अबीर मौसी को चुनाव आयोग का अपमान करने के आरोप में दो साल की जेल की सजा सुनाई. पिछले महीने, एक अदालत ने संभावित राष्ट्रपति चुनाव उम्मीदवार और सईद के कटु आलोचक लोत्फी म्राही को वोट खरीदने के आरोप में आठ महीने की जेल की सज़ा सुनाई थी. साथ ही, उन पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. 2019 में चुने गए सईद ने 2021 में संसद को भंग कर दिया और एक डिक्री द्वारा शासन करना शुरू कर दिया, जिसे विपक्ष ने तख्तापलट बताया. उन्होंने कहा है कि वह उन लोगों को सत्ता नहीं सौंपेंगे जिन्हें वे “गैर-देशभक्त” कहते हैं.
सईद की सरकार पर विपक्षी दलों ने लगाया ये आरोप
विपक्षी दलों ने सईद की सरकार पर 2024 के चुनावों में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर नकेल कसने और उनके लिए दूसरा कार्यकाल जीतने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए न्यायपालिका पर दबाव डालने का आरोप लगाया है. बता दें कि विपक्षी दलों के कई नेता जेल में हैं. तो दूसरी ओर सईद ने प्रतिद्वंद्वियों पर कोई प्रतिबंध लगाने से इनकार किया है. सोमवार को सईद ने अपनी आधिकारिक उम्मीदवारी फाइल जमा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “राष्ट्रपति चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. यह बकवास और झूठ है.” इससे पहले सोमवार को, कम से कम चार अन्य प्रमुख संभावित उम्मीदवारों ने कहा कि चुनाव आयोग ने पंजीकरण के लिए उनसे पुलिस रिकॉर्ड प्रस्तुत करने की मांग करते हुए एक नया प्रतिबंध लगाया है, लेकिन आंतरिक मंत्रालय ने उन रिकॉर्डों को प्रदान करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने अधिकारियों पर ट्यूनीशिया को तानाशाही और दिखावटी चुनावों की ओर वापस ले जाने का आरोप लगाया, जो 2011 में ट्यूनीशियाई क्रांति से पहले आम बात थी. आंतरिक मंत्रालय टिप्पणी के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं था.
-भारत एक्सप्रेस