बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना ने सीधे भारत का रुख किया. दरअसल बांग्लादेश आरक्षण की आग में इस कदर जल रहा है कि जुलाई से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है और हिंसा की इस आग में शेख हसीना पर भी पल-पल खतरा मंडरा रहा था जिसे लेकर हसीना ने पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और फिर सीधे भारत के लिए रवाना हो गईं. इससे पहले भी शेख हसीना जून के महीने में दो बार भारत आई थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शेख हसीना को पहले से ही किसी अनहोनी का अंदेशा था.
9 जून 2024 ये वो तारीख है, जब तीसरी बार नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और इस यादगार पल का गवाह उस वक्त बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी बनी थीं. मोदी के निमंत्रण पर खास तौर से हसीना दिल्ली आई थीं. हालांकि शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद जल्द ही वो अपने वतन वापस लौट गईं.
फिर महज दो हफ्ते के अंदर शेख हसीना ने एक बार फिर से भारत का दौरा किया और इस दौरे ने सबको चौंका दिया. दो दिन के इस दौरे के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी विशेष मुलाकात की. उनके इस दौरे पर चीन और पाकिस्तान की पैनी नजर थी.
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बीते 5 सालों में ये पीएम मोदी और शेख हसीना की 10वीं मुलाकात थी. दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया. दोनों देशों की द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘बांग्लादेश हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, विजन सागर और इंडो-पैसिफिक विजन में हमारे साथ संगम रखता है. पिछले एक साल में हमने मिलकर लोक कल्याण की कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की हैं.’
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में व्यापार की शुरुआत हो गई है. साथ ही भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा नदी पर दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज का भी सफलतापूर्वक परिचालन हो गया है. भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर मैत्री पाइपलाइन पूरी हो गई है.
लेकिन सवाल ये उठता है कि महज 15 दिनों के अंदर दो बार शेख हसीना ने भारत का रुख क्यों किया? क्या शेख हसीना को किसी अंदेशे का डर सता रहा था? आखिर भारत के साथ इन समझौतों की क्या वजह थी? क्या शेख हसीना को लग रहा था कि आने वाला समय उनके लिए ठीक नहीं है इसलिए वो दिल्ली से ताल्लुकात और गहरा करना चाहती थी? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का दौरा इतने कम समय में अमूमन नहीं देखा गया है. शेख हसीना ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए भारत का रुख किया और दोनों देशों के बीच की दोस्ती को नया आयाम देने की कोशिश की. यही वजह है कि शेख हसीना भारत से मैत्रीपूर्ण संबंध के चलते सीधे दिल्ली पहुंची हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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