अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने अपने कार्यकाल के आखिरी चरण में भारत को एक महत्वपूर्ण रक्षा सौगात दी है. सोमवार, 2 दिसंबर 2024 को उन्होंने 1.17 बिलियन डॉरल के MH-60R मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर उपकरण और संबंधित आपूर्ति की बिक्री को मंजूरी दी. इस सौदे का उद्देश्य भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को बढ़ाना है, जिसे भारत-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DACA) ने इस बिक्री को अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाला बताया.
एजेंसी ने कहा कि यह सौदा न केवल भारत जैसे प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा में सुधार करेगा, बल्कि यह अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों का भी समर्थन करेगा. यह सौदा भारत-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता, शांति, और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा.
MH-60R हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस एक मल्टी-मिशन प्लेटफॉर्म है. इसे पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) और सतह रोधी युद्ध (ASuW) के लिए डिजाइन किया गया है. यह हेलीकॉप्टर मल्टी-मोड रडार, डिपिंग सोनार, और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड कैमरा जैसे उन्नत डिजिटल सेंसरों से लैस है. इसके अलावा, इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें, रॉकेट और अन्य आधुनिक हथियार प्रणालियां भी शामिल हैं.
MH-60R हेलीकॉप्टर में एडवांस्ड डेटालिंक और एयरक्राफ्ट सर्वाइवबिलिटी सिस्टम शामिल हैं, जो इसे चुनौतीपूर्ण स्थितियों में भी संचालन योग्य बनाते हैं. भारतीय नौसेना के लिए इन्हें विशेष रूप से कस्टमाइज किया गया है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) का सहयोग शामिल है.
इस सौदे के माध्यम से भारतीय नौसेना की क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. MH-60R हेलीकॉप्टर न केवल भारत की समुद्री ताकत को मजबूत करेंगे, बल्कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे. अमेरिका ने इस सौदे को अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
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MH-60R हेलीकॉप्टर दुनिया भर में 330 से अधिक परिचालन में हैं. भारतीय नौसेना के अलावा, ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी नौसेना, रॉयल डेनिश नौसेना, रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और रॉयल सऊदी नौसेना बलों के साथ भी सक्रिय हैं. इन्हें खोज और बचाव, चिकित्सा निकासी, कमांड और नियंत्रण, तथा वर्टिकल रिप्लेनिशमेंट जैसे मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस सौदे के साथ भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध और मजबूत हो गए हैं, जो दोनों देशों के बीच गहरे होते रणनीतिक संबंधों का प्रमाण है.
-भारत एक्सप्रेस
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