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बांग्लादेश में उठी टैगोर के लिखे राष्ट्रगान को बदलने की मांग, यूनुस सरकार का जवाब- भारत से दोस्ती बनी रहने दीजिये

Bangladesh National Anthem: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बनी अंतरिम सरकार ने एक महीने के भीतर देश की पूरी मशीनरी को बदल दिया है. इस बीच मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के कट्टरपंथी समर्थक जमात-ए-इस्लाम पार्टी ने भारतीय कवि रवींद्रनाथ टेगोर के लिखे बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘अमार सोनार बांग्ला’ को बदलने की आवाज तेज कर दी है.

‘अमार सोनार बांग्ला’ गीत को टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में लिखा था. 1971 में जब स्वतंत्र बांग्लादेश बना, तो शेख मुजीबुर रहमान ने इसे राष्ट्रगान के रूप में चुना. हालांकि, उनके निधन के बाद से इस राष्ट्रगान में बदलाव की कई बार मांग उठ चुकी है.

कट्टरपंथियों की जमात बोली— भारत ने राष्ट्रगान थोपा, इसे बदलो

इन दिनों बांग्लादेश में कट्टरपंथियों वाली जमात-ए-इस्लामी ये कहकर ‘अमार सोनार बांग्ला’ को बदलना चाहती है कि भारत ने इसे हम पर थोपा था. राष्ट्रगान बदलने की मांग करने वाले कट्टरपंथियों को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्रालय के सलाहकार अबुल फैज़ मुहम्मद खालिद हुसैन (AFM Khalid Hossain) ने जवाब दिया है. धार्मिक मामलों के सलाहकार ने राष्ट्रगान बदलने से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.

राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं – खालिद हुसैन

मुहम्मद खालिद हुसैन के हवाले से स्थानीय मीडिया ने लिखा, “अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने के लिए कुछ नहीं करेगी, हम सभी के सहयोग से एक सुंदर बांग्लादेश का निर्माण करना चाहते हैं.” मुहम्मद खालिद हुसैन ने कहा कि हमारी सरकार भारत से दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाहती है. उनका यह बयान बांग्लादेश में राष्ट्रगान बदलने की मांग उठने के बाद आया है. वो मांग बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व नेता ग़ुलाम आज़म के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने की थी.

‘बांग्लादेश में अब अल्पसंख्यकों पर हमले नहीं होने दिए जाएंगे’

मुहम्मद खालिद हुसैन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले- विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर भी बयान दिया है. हुसैन ने कहा कि जो लोग ऐसे ‘जघन्य कृत्यों’ के लिए दोषी पाए जाएंगे, उन्हें पीएम मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा दंडित किया जाएगा.

हुसैन के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कहा, “बांग्लादेश में जो लोग हिंदुओं के पूजा स्थलों पर हमला कर रहे हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं. वे अपराधी हैं, और उन पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.” हुसैन ने यह भी कहा कि आगामी दुर्गा पूजा समारोह के दौरान, किसी भी प्रकार के हमले या तोड़फोड़ को रोकने के लिए मदरसे के छात्रों के साथ-साथ स्थानीय नागरिक मंदिरों की सुरक्षा में शामिल होंगे.

  • भारत एक्सप्रेस
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