दुनिया

कोरोना से जंग, मंदी की आशंका, क्राइस्टचर्च मस्जिद फायरिंग…चुनौतियों से भरा कार्यकाल…अब जैसिंडा अर्डर्न का पीएम पद छोड़ने का ऐलान

New Zealand PM Jacinda Ardern: न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह छह साल तक सत्ता में रहने के बाद अगले महीने पद छोड़ देंगी. वहीं उनकी इस घोषणा ने सभी को हैरान कर दिया है.  अर्डर्न 37 साल की उम्र में 2017 में प्रधानमंत्री चुनी गईं थीं. 37 साल की उम्र में पीएम चुनी जाने वाली जैसिंडा अर्डर्न दुनिया में सबसे कम उम्र की महिला राष्ट्र प्रमुख बनी थीं. साथ ही वो 1856 के बाद न्यूजीलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री भी थीं. पीएम बनने के एक साल बाद जून 2018 में वो दुनिया की दूसरी ऐसी राष्ट्राध्यक्ष बनीं जिन्होंने पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म दिया.

जैसिंडा अर्डर्न ने पीएम पद छोड़ने के ऐलान के बाद अपने कार्यकाल को चुनौतीपूर्ण बताया है. जैसिंडा अर्डर्न 7 फरवरी तक लेबर पार्टी के नेता के रूप में पद छोड़ देंगी. उसके बाद उनकी जगह किसी अन्य को पीएम चुना जाएगा. बता दें कि न्यूजीलैंड में 14 अक्टूबर को आम चुनाव होंगे.

भावुक हुईं जैसिंडा अर्डर्न

जैसिंडा अर्डर्न पीएम पद छोड़ने के ऐलान के दौरान बेहद भावुक नजर आईं और उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा करने की कोई वजह मिलेगी, लेकिन दुखद बात है कि ऐसा नहीं हुआ. अगर मैं अपने पद पर बनी रही तो इससे न्यूजीलैंड का नुकसान होगा.” अर्डर्न ने कहा कि उनके पास योगदान देने के लिए कुछ खास नहीं बचा है और वे फिर से चुनाव नहीं लडे़ंगी. जैसिंडा अर्डर्न ने कहा, “मैं छ: सालों तक अपने पद पर रही, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया.”

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जैसिंडा अर्डर्न अपने कार्यकाल के दौरान लगातार सुर्खियों में रही हैं. खासकर कोरोना महामारी से निपटने को लेकर पूरी दुनिया ने उनकी तारीफ की थी. उन्होंने इस जानलेवा वायरस से न्यूजीलैंड के लोगों को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए. वहीं कोरोना के कारण मंदी की आहट ने सरकार के सामने चुनौतियां खड़ी कर दीं.

क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में फायरिंग बन गई थी पूरी दुनिया में हेडलाइन

अर्डर्न के कार्यकाल के दौरान ही व्हाइट आइलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी. इस विस्फोट के बाद ज्वालामुखी के आसपास वाले इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में दिक्कतें आई थीं. उनके कार्यकाल के दौरान ही क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में फायरिंग की घटना पूरी दुनिया में हेडलाइन बन गई थी. तब अल नूर और लिनवुड मस्जिद में अंधाधुंंध फायरिंग में 49 लोगों की मौत हो गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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