इजरायल हमास के साथ पिछले एक साल से ज्यादा समय से जंग लड़ रहा है. अब उसके पास सैनिकों की कमी होने लगी है, जिसको लेकर इजरायल अब धार्मिक कार्यों में लगे यहूदियों को सेना में भर्ती करने की मुहिम शुरू कर दी है.
अति-रूढ़िवादी यहूदियों की भर्ती को लेकर IDF ने जानकारी देते हुए बताया कि उसने अति-रूढ़िवादी ब्रिगेड हाहाश्मोनाइम के लिए अपनी पहली भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. इजरायली सेना की ओर से बताया गया कि अब तक 50 जवानों की भर्ती की गई है, जिससे हाहाश्मोनाइम की पहली कंपनी बन चुकी है.
इसके साथ ही IDF ने यह भी बताया कि 100 और अल्ट्रा आर्थोडॉक्स को 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद ब्रिगेड की पहली रिजर्व कंपनी का हिस्सा बनाया जाएगा. इजरायल युद्ध में सैनिकों की कमी को पूरा करने के लिए अल्ट्रा आर्थोडॉक्स कम्यूनिटी को सेना से जोड़ रहा है.
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बता दें कि अति-रूढ़िवादी यहूदियों को हिब्रू भाषा में हरेदीम कहा जाता है. ये लोग यहूदी धर्म के सबसे सख्त अनुयायियों में में गिने जाते हैं. ये कम्यूनिटी प्रार्थना और पूजा के लिए खुद को समाज से अलग रखता है. इनकी एक अलग तरह की खास पोशाक होती है, जिसमें महिलाएं लंबे, मामूली वस्त्र और सिर ढकने वाला कपड़ा पहनती हैं. वहीं पुरुष काले सूट या फिर ओवरकोट और बड़ी फर वाली टोपी पहनते हैं.
इजरायल ने इस समुदाय को सेना में अनिवार्य भर्ती के कानून से अलग रखा था, जिसे टोराटो उमानुतो कहा जाता है. इसका मतलब धर्म का अध्ययन ही उनका काम है. युद्ध शुरू होने के बाद इस कानूनी छूट को इजरायल ने 2023 के जुलाई महीने में खत्म कर दिया है. कानून के खत्म होने के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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