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NASA ने अंतरिक्ष में ‘आग उगलते गिटार’ जैसी अद्भुत आकृति को किया कैप्चर, जानिए क्या है यह घटना

गिटार नेबुला हमारी गैलेक्सी में उच्च-ऊर्जा वाले कणों, जैसे इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रान, के सफर को समझने में भी मदद करता है. इससे वैज्ञानिकों को पल्सर और उनके असर को समझने में मदद मिलती है.

Guitar Nebula NASA

गिटार नेबुला- नासा

Guitar Nebula: अंतरिक्ष (Space) हमारे लिए बहुत दूर और अनजान है. वैज्ञानिक अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया को समझने के लिए एडवांस टेलीस्कोप्स (Telescope) का इस्तेमाल करते हैं. ये टेलीस्कोप ब्रह्मांड (Universe) की घटनाओं से निकलने वाले संकेतों को कैप्चर करते हैं. कभी-कभी ये घटनाएं इतनी अद्भुत होती हैं कि अनुभवी खगोलविद (Astronomer) भी हैरान रह जाते हैं. हाल ही में एक ऐसी ही अद्भुत खोज हुई है जिसे गिटार नेबुला (Guitar Nebula) कहा जा रहा है.

यह खोज नासा (NASA) के चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी (Chandra X-ray Observatory) और हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) के साझा प्रयासों से संभव हुई.

क्या है गिटार नेबुला

गिटार नेबुला को इसका नाम इसकी गिटार जैसी आकृति की वजह से मिला है. इस अद्भुत आकृति का निर्माण PSR B2224+65 नामक एक पल्सर द्वारा हुआ है.

पल्सर एक तेजी से घूमने वाला न्यूट्रॉन तारा होता है, जो किसी विशाल तारे के विस्फोट के बाद बचा हुआ घना अवशेष होता है. यह पल्सर बहुत तेजी से घूमता है और ऊर्जा (Energy) से भरे कण (Particles) बाहर निकालता है. यही कण नेबुला की गिटार जैसी आकृति बनाते हैं.

गिटार की “हेड” यानि सिर वाली जगह पर यह पल्सर स्थित है, जो 12 लाख करोड़ मील दूर तक तेज चमकने वाली एक्स-रे (Blazing X-rays) की धारा फेंकता है. यह धारा केवल ऊर्जा से नहीं बनी होती, बल्कि इसमें एंटीमैटर और अन्य ऊर्जावान (Energetic) कण और यहां तक कि एंटीमैटर भी शामिल होता है. ये सभी तत्व पल्सर के तेज घूमने और शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों के कारण उत्पन्न होते हैं.

पल्सर के उत्सर्जन (Emission) आइंस्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E = mc² को भी चुनौती देते हैं, क्योंकि ये ऊर्जा को पदार्थ (Matter) में बदलते हैं. इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉन और उनके एंटीमैटर समकक्ष पॉजिट्रान जैसे कण बनते हैं. ये कण पल्सर के चुंबकीय क्षेत्रों (Magnetic Fields) के साथ घूमते हैं और एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं, जिन्हें चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी ने कैप्चर किया है.

तीन दशक की खोज

पल्सर जब अंतरिक्ष में यात्रा करता है, तो यह घने गैस क्षेत्रों से टकराता है. इन टकरावों से कॉस्मिक ब्लोटॉर्च (Cosmic Blowtorch) बनती है. यह ब्लोटॉर्च गिटार के आकार में एक चमकदार फिलामेंट उत्पन्न करती है, जो पल्सर के दाईं ओर जलती हुई लकीर की तरह दिखती है.

वैज्ञानिकों ने चंद्रा और हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) से 1994 से 2021 तक का डेटा इकट्ठा किया. इस डेटा को मिलाकर उन्होंने पल्सर की यात्रा की एक “मूवी” बनाई. इस मूवी में देखा गया कि जहां गिटार जैसी आकृति स्थिर रहती है, वहीं फिलामेंट की चमक में हल्के बदलाव आते हैं. यह बदलाव इसके आस-पास के वातावरण के कारण होते हैं.

क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण

गिटार नेबुला न केवल अपनी अद्भुत आकार के लिए जाना जाता है, बल्कि यह हमारे आकाशगंगा (Galaxy) में उच्च-ऊर्जा वाले कणों (High-energy Particles), जैसे इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रान, के सफर को समझने में भी मदद करता है. इससे वैज्ञानिकों को पल्सर और उनके असर को समझने में मदद मिलती है.

यह खोज द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है और नासा के चंद्रा एक्स-रे सेंटर और स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी के सहयोग से किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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