राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सर्बिया दौरा बेहद ही खास रहा. अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत-सर्बिया व्यापार और निवेश की बड़ी संभावनाओं को रेखांकित करते हुए दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी का “लाभ लेने” का आग्रह किया है. राष्ट्रपति मुर्मू, ने बेलग्रेड में भारत-सर्बिया बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. अपने संबोधन की शुरुआत में, उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक को धन्यवाद दिया. मुर्मू ने कहा, ‘भारत और सर्बिया के बीच गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दिनों से ही घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. अब इसे आगे बढ़ाने और हमारे व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का समय आ गया है.”
भारत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था
उन्होंने बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि यह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत से पहले तीसरी सबसे बड़ी बनने की राह पर है. हमने ऑटो और ऑटो-कंपोनेंट सेक्टर, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा और परिधान, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, फिनटेक और वित्तीय सेवाओं में महत्वपूर्ण सफलता देखी है.
बढ़ रही है डिजिटल क्षमता
इसके बाद राष्ट्रपति ने आईटी पार्कों और देश भर में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रॉनिक शहरों के साथ भारत की बढ़ती डिजिटल क्षमता पर बात की. मुर्मू ने कहा, डिजिटल बुनियादी ढांचे में इस तेजी से विकास ने तकनीकी नवाचार के मामले में भारत को सबसे आगे खड़ा कर दिया है. चाहे वह मोबाइल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या कैशलेस लेनदेन के माध्यम से दैनिक सेवाओं की उपलब्धता हो, भारत हर क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन हासिल कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है. 2022 में, भारत में कुल FDI प्रवाह लगभग 77 बिलियन अमरीकी डालर था.
सर्बियाई अर्थव्यवस्था को लेकर कही यह बात
मुर्मू ने कोविड महामारी से सर्बियाई अर्थव्यवस्था के उबरने को लेकर भी अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि “मुझे बताया गया है कि सर्बिया ने 2018 के बाद से पश्चिमी बाल्कन क्षेत्र द्वारा प्राप्त एफडीआई के आधे से अधिक को आकर्षित किया है. सर्बिया को व्यापक यूरोपीय नेटवर्क में एकीकृत करने के लिए सड़क और रेल निवेश भी स्वस्थ गति से हो रहे हैं. आपका देश बुद्धिमान, मेहनती लोगों का देश है जो नवाचार और विचारों से प्रेरित है. सर्बिया यूरोप और यूरेशिया में व्यापक बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रभावी प्रवेश द्वार बन सकता है. राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस बात से भी अवगत थीं कि सर्बिया अपने कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने के लिए विदेशों से मेहनती और कुशल श्रमिकों और पेशेवरों की तलाश कर रहा है.
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इससे पहले दिन में मुर्मू ने अपने सर्बियाई समकक्ष से मुलाकात की. बैठक में, दोनों आर्थिक और व्यापारिक संबंधों सहित सभी क्षेत्रों में भारत-सर्बिया साझेदारी को गहरा करने पर सहमत हुए. मुर्मू ने कहा, “आज इस कमरे में मौजूद उद्यमी हमारे दोनों देशों के बीच गतिशीलता की प्रेरक शक्ति बन सकते हैं.” उन्होंने भारत-सर्बिया व्यापार में कम से कम 1 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि पर विश्वास व्यक्त करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया, हालांकि भारत और सर्बिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में लगभग 320 मिलियन है.
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