World of Statistics: दुनिया के तमाम देश बहुत अधिक विदेशी कर्ज में डूबे हुए हैं और इसी की मदद से अपने देश की इकोनॉमी को चलाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. किस देश पर कितना कर्जा है, इसको लेकर वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स (World of Statistics) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्विटर) पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक ‘कॉन्ट्रीज विद द हाईएस्ट डेट इन 2023’ है.
इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है और बताया गया है कि 33,229 अरब डॉलर (27,73,858 करोड़ रुपए) के कर्ज के साथ अमेरिका कर्ज लेने वाले देशों की लिस्ट में सबसे टॉप पर है. इन्वेस्टोपीडिया के मुताबिक, विदेशी कर्ज वह धन होता है जो किसी सरकार, निगम या निजी घराने की ओर से किसी अन्य देश की सरकार या निजी कर्जदाताओं द्वारा उधार लिया जाता है. फिलहाल बीते कुछ दशकों में विदेशी कर्ज में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. तो वहीं इसका कुछ उधार लेने वाले देशों, विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर काफी बुरा असर भी देखने को मिला है.
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विदेशी कर्ज लेने के मामले में अमेरिका के बाद चीन का नम्बर है. यानी चीन दूसरे स्थान पर है. चीन पर 14,692 अरब डॉलर (12,26,444 करोड़ रुपए) का कर्ज तो वहीं तीसरे स्थान पर जापान है. इसके ऊपर 10,797 अरब डॉलर (9,01,301 करोड़ रुपए) का कर्ज है. इसके बाद यूनाइटेड किंगडम यानी यूके है. इस पर 3,469 अरब डॉलर (2,89,581 करोड़ रुपए) का कर्ज है.
तो वहीं फ्रांस 3,354 अरब डॉलर (2,79,982 करोड़ रुपए) है. बता दें कि इस रिपोर्ट में अन्य देशों में इटली सहित कई अन्य देशों को भी शामिल किया गया है, इटली पर जहां 3,141 अरब डॉलर (262201 करोड़ रुपए) का कर्ज है तो वहीं भारत पर 3,057 अरब डॉलर (255189 करोड़ रुपए), जर्मनी पर 2,919 अरब डॉलर (2,43,669 करोड़ रुपए), कनाडा पर 2,253 अरब डॉलर (1,88,073 करोड़ रुपए) और ब्राजील पर 1,873 अरब डॉलर (1,56,352 करोड़ रुपए) का कर्ज है.
इस तरह से 2023 में भारत सबसे अधिक कर्ज लेने वाले देशों की सूची में सातवें नम्बर पर है. भारत 3,057 अरब डॉलर (255189 करोड़ रुपए) का कर्ज है.
ब्राजील के बाद स्पेन पर 1,697 अरब डॉलर (1,41,660 करोड़ रुपए) तो वहीं मैक्सिको पर 955 अरब डॉलर (79,720 करोड़ रुपए), दक्षिण कोरिया पर 928 अरब डॉलर (77466 करोड़ रुपए), ऑस्ट्रेलिया पर 876 अरब डॉलर (73,125 करोड़ रुपए) और सिंगापुर पर 835 अरब डॉलर (69,703 करोड़ रुपए) का कर्ज है.
CIA वर्ल्ड फैक्टबुक की ओर से 2019 में जारी ‘द कॉन्ट्रीज विद द मोस्ट फॉरेन डेट’ रिपोर्ट में भी अमेरिका कर्ज लेने के मामले में पहले नम्बर पर था. रिपोर्ट में दी जानकारी के मुताबिक, 2019 में अमेरिका पर 17.91 ट्रिलियन डॉलर (17,91,000 करोड़ रुपए) का कर्ज था. तो वहीं इसके बाद यूनाइटेड किंगडम का स्थान था और इसके ऊपर 8.13 ट्रिलियन डॉलर (8,13,000 करोड़ रुपए) का कर्ज की बात कही गई थी. तो वहीं इसके बाद फ्रांस का नंबर आता है, जिस पर 5.36 ट्रिलियन डॉलर (5,36,000 करोड़ रुपए) का कर्ज था.
रिपोर्ट में छोटे द्वीपीय देशों और कई अफ्रीकी देशों पर सबसे कम विदेशी कर्ज लेने की बात कही गई है तो वहीं सबसे अधिक विदेशी कर्ज लेने की लिस्ट में लक्समबर्ग, नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे छोटे देश भी शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन देशों में बैंकिंग सेक्टर ने बहुत अधिक विदेशी कर्ज लिया है और अपनी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत नागरिकों पर बहुत अधिक धन खर्च किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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