एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने समूह के सदस्यों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों में सुधारों को आगे बढ़ाने और इसके वित्तपोषण सहित आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए गंभीर प्रयास करने की अपील की. इस बैठक में अगस्त में दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के एजेंडे को मूर्त रूप दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. जिसमें समूह के विस्तार और रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि के खिलाफ सदस्यों के बीच राष्ट्रीय मुद्राओं में अधिक व्यापार करने के जैसे मुद्दे शामिल हैं.
इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्थिति के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है. बैठक में शामिल होने वाले ब्रिक्स के सभी देशों के सदस्य मौजूदा मुद्दों पर सामूहिक रूप से विचार करें. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि “हम परिवर्तन के प्रतीक हैं और उसके अनुसार हमें कार्य करना चाहिए. यह जिम्मेदारी और भी बड़ी है क्योंकि हम कोविड महामारी के बाद के विनाशकारी प्रभावों, संघर्ष से उत्पन्न होने वाले तनावों और वैश्विक आर्थिक संकट पर विचार करें.” उन्होंने ये बातें सीधे तौर पर यूक्रेन संकट का जिक्र किए बिना कही.
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उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को एक मजबूत संदेश देना चाहिए कि दुनिया बहुध्रुवीय है, पुनर्संतुलन कर रही है. उन्होंने कहा कि समकालीन चुनौतियां “वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय संरचना की गहरी कमियों को भी प्रदर्शित करती है. जो आज की राजनीति, अर्थशास्त्र, जनसांख्यिकी या वास्तव में आकांक्षाओं को नहीं दिखाती है.”
जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर चीन का जिक्र करते हुए कहा, “हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके केंद्र में आर्थिक एकाग्रता है. यह उत्पादन, संसाधनों, सेवाओं या कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों से भी जुड़ा हो सकता है.इसके अलावा स्वास्थ्य, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करने वाले हाल के अनुभवों ने इस स्थिति को उजागर किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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