पाकिस्तानी विदेश मंत्री का भारत विरोधी रुख
इस्लामाबाद- भारत लंबे अर्से से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंदी कर रहा है.लेकिन हमेशा चीन ने पाकिस्तान को खुश करने के लिए भारत के रास्ते में रोड़े डाले हैं.अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) के किसी ऐसे विस्तार का विरोध करता है जिसमें भारत शामिल है। द न्यूज ने बिलावल के हवाले से वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र मिशन और उनके सहयोगियों ने इस तरह के प्रयासों को बार-बार विफल करने के लिए काम किया है”
जलवायु परिवर्तन अहम मुद्दा
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र(UNSC) में सुधार की संभावना है, लेकिन सुरक्षा परिषद की सदस्यता का विस्तार करना सही सुधार नहीं होगा.बिलावल ने यह भी कहा कि जलवायु संकट एक ऐसा मुद्दा होगा, जहां पाकिस्तान भारत और अन्य देशों के साथ काम करने को तैयार है.उन्होंने कहा कि 10 जलवायु तनावग्रस्त देशों को विकसित देशों पर ग्रीन फाइनेंसिंग मैकेनिज्म के लिए दबाव बनाने के लिए एक आवाज बननी चाहिए.
हमने पहले ही चेतावनी दी थी
इस उद्देश्य के लिए एक क्षेत्रीय ब्लॉक बनाने के बारे में एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्री ने कहा: मैंने पहले ही चेतावनी दे दी है. मुख्यत: यह सही है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए. जब मैं अमेरिका और चीन से इस पर मिलकर काम करने का आग्रह करता हूं, तो मेरे पास यह स्वीकार करने की नैतिक शक्ति होनी चाहिए कि चाहे जो भी मतभेद हों, भारत और पाकिस्तान को इस विषय पर भी मिलकर काम करना चाहिए.उन्होंने कहा, हमारे सामने कई कठिनाइयां हैं, वहां पर हमारा कोई पारस्परिक साझेदार नहीं है, अगस्त 2019 ने हमारे लिए कई कारणों से जुड़ना असंभव बना दिया है. शायद यही एक मुद्दा है कि हमें हर चीज की परवाह किए बिना जलवायु परिवर्तन(climate change)का मुकाबला करने की दिशा में काम करना चाहिए.
–भारत एक्सप्रेस/आईएनएस
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