Bharat Express

Chandrayaan-3 Rover: चांद पर 8 मीटर चल चुका है रोवर, ISRO ने दिया ताजा अपडेट

Chandrayaan-3 Rover: अब 14 दिनों तक रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और यहां से कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाएगा.

rover pragyan

चंद्रयान-3 का रोवर

Chandrayaan-3 Rover: चंद्रयान-3 का लैंडर चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है और इसके बाद रोवर प्रज्ञान भी बाहर आकर चहल-कदमी कर रहा है. रोवर प्रज्ञान (Pragyan Rover) चांद के दक्षिणी ध्रुव पर घूम रहा है. वहीं इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को बताया कि रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है. रोवर पेलोड LIBS और APXS चालू हैं. प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड नॉमिनली परफॉर्म कर रहे हैं.

लैंडिंग के कुछ घंटे बाद रोवर प्रज्ञान बाहर आ गया था. इसके बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने बताया था कि प्रज्ञान चांद की सतह पर उतर कर घूम रहा है. 23 अगस्त को भारत का चंद्रयान-3 चांद के साउथ पोल पर उतरने के साथ ही इतिहास रच चुका था. वहीं चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर कदम रखते ही ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया था.

इसके पहले, इसरो ने चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करने के बाद दो वीडियो शेयर किए थे. ये वीडियो लैंडिंग से ठीक पहले का था जो लैंडर के कैमरे ने ली थी. इसमें चंद्रमा की सतह को दिखाया गया था. जबकि दूसरा वीडियो इसरो की तरफ से शुक्रवार को शेयर किया गया.

इस वीडियो में दिखाया गया है कि लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान कैसे बाहर निकला. वीडियो में देखा जा सकता है कि लैंडर विक्रम का गेट धीरे-धीरे खुलता है. उसके बाद रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतरता है. रोवर प्रज्ञान जैसे ही चांद की सतह पर उतरता है वहां उसके पहियों के निशान बन जाते हैं.

ये भी पढ़ें: नहीं चूका चंद्रयान-3, चांद के बाद अब सूरज पर नजर! लैंडिंग के बाद चंद्रयान करने वाला है ये बड़ा काम!

चांद पर क्या करेगा रोवर?

रोवर चांद पर उतरने के साथ अपनी एक्टिविटी को शुरू कर चुका है. अब 14 दिनों तक रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और यहां से कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाएगा. रोवर सारा डेटा पृथ्वी पर भारतीय स्पेस एजेंसी को भेजेगा, जहां से इस डेटा का अध्ययन किया जाएगा और चांद के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी. चांद की सतह पर भारत ने अपने पैर मजबूती से रखें हैं और इसरो को उम्मीद है कि इससे चांद के बारे में कई जानकारियां हासिल हो सकेंगी.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read