सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो फाइल)
UP News: उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन को लेकर लगातार मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. फिलहाल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पत्र के बाद स्थिति साफ कर दी है. बता दें कि नियुक्ति विभाग ने कहा है कि एक अप्रैल 2005 से पहले के विज्ञापन पर जिन लोगों को नौकरी मिली है उनको पुरानी पेंशन नहीं दी जा सकती है और वे नई पेंशन पाने के ही हकदार होंगे.
बता दें कि 3 मार्च 2023 को केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने राज्यों को पेंशन से सम्बंधित पत्र भेजा था. इसमें साफ बताया गया है कि, केंद्रीय सेवा के कर्मियों के लिए एक अप्रैल 2005 से पहले जो विज्ञापन निकलें हैं और इसके आधार पर बाद में भर्ती की गई है तो पुरानी पेंशन देने की बात कही गई थी और इसके आधार पर अगर राज्य अपने स्तर से चाहे तो वित्तीय स्थिति का आंकलन करते हुए विचार कर सकता है. इसी के बाद उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा और उच्चतर न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारियों ने नियुक्ति विभाग को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में एक पत्र भेजा था. ये पत्र उनके लिए था, जिनकी भर्ती की विज्ञप्ति नेशनल पेंशन स्कीम अधिसूचना के दिनांक के पूर्व जारी हुई थी. इसी के बाद नियुक्ति विभाग ने इस पर स्थिति साफ की है.
राज्य सरकार बाध्य नहीं है
बता दें कि नियुक्ति विभाग ने पुरानी पेंशन को लेकर स्थिति साफ की है और कहा है कि, केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के संबंध में लागू की गई व्यवस्थाओं को राज्य सरकार अपने यहां शत-प्रतिशत लागू करने के लिए बाध्य नहीं है. राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधानों को ध्यान में रखकर फैसले लेती है. इसीलिए राज्य के वित्त विभाग ने 28 मार्च 2005 और 16 अप्रैल 2019 को जारी अधिसूचना में यह प्रावधान किया गया है कि एक अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यग्रहण करने वाले कर्मी नई पेंशन योजना के अंतर्गत ही आएंगे. इसी के साथ ये स्पष्ट किया है कि, ऐसे कर्मियों को नई पेंशन ही मिलेगी.
-भारत एक्सप्रेस