PM Vishwakarma Scheme
PM Vishwakarma Scheme: विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर 17 सितंबर को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा व अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को मजबूत बनाना है. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. यह योजना पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को लागू हो रही है.
विश्वकर्मा योजना के लाभ
प्रशिक्षण और कौशल विकास: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, पारंपरिक कारीगरों को व्यापक 6-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाने का एक अमूल्य अवसर प्राप्त होगा. यह प्रशिक्षण बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची और अन्य लोगों के अनुरूप बनाया गया है.
वित्तीय सहायता: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक की पर्याप्त वित्तीय सहायता दी जाएगी. इससे लाभार्थियों को अपने व्यवसायों का विस्तार करने में आसानी होगी. इससे आजीविका में सुधार होगा.
रोजगार के अवसर: पीएम विश्वकर्मा योजना रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भी अच्छा पहल है. इसका लक्ष्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए, सालाना लगभग 15,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा करना है. इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ आसानी से उठा सकते हैं.
बता दें कि राज्य सरकार विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पूरी लागत को कवर करने की जिम्मेदारी लेती है. इससे कारीगर बिना किसी वित्तीय बोझ के अच्छा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं.
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पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की आय को बढ़ावा देना
- पारंपरिक कला और शिल्प क्षेत्र में नई नौकरियां और अवसर पैदा करना
- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रचार करना
- पारंपरिक भारतीय कला और शिल्प को वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना