Bharat Express

संजय गांधी अस्पताल न तो कांग्रेस का है, न ही सोनिया गांधी संविधान से ऊपर हैं- इलाज में लापरवाही से महिला की मौत पर बोले यूपी के मंत्री

यूपी के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस अस्पताल की मालिक है क्या, राजनीति करना उनका काम है लेकिन हम महिला के परिजनों के साथ हैं.

यूपी में अमेठी में संजय गांधी अस्पताल में महिला की इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही से मौत का मामला अब राजनीतिक हो गया है. अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के मामले में यूपी सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल की घटना बहुत दुखद है, महिला की मौत की स्थानीय स्तर पर जांच के बाद ही अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है. यूपी सरकार लापरवाह डॉक्टरों और प्रशासन पर कार्रवाई करेगा. यूपी में अगर इस तरह का मामला आता है तो कार्रवाई की जाती है. मरीजों को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेलने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा. वहीं यूपी के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस अस्पताल की मालिक है क्या, राजनीति करना उनका काम है लेकिन हम महिला के परिजनों के साथ हैं. पीड़ित को न्याय मिलेगा, जब स्पष्टीकरण मांगा गया तो जवाब क्यों नहीं दिया. अभी जांच जारी है और सख्त कार्रवाई की जाएगी. संजय गांधी अस्पताल न तो कांग्रेस का है न ही सोनिया गांधी संविधान से ऊपर हैं. जो कानून तोड़ेगा उस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. मामले में अस्पताल प्रशासन ने सहयोग भी नहीं किया और लापरवाही लगातार जारी रही.

कांग्रेस ने निलंबन बहाली की मांग की

कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा है. उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से संजय गांधी अस्पताल को बंद किया गया है यह स्पष्ट हो गया है कि स्मृति ईरानी अमेठी में विकास नहीं विनाश लेकर आई हैं. इसके पहले भी इन्होंने अमेठी की कई योजनाएं छीनी है. उन्होंने कहा कि संजय गांधी अस्पताल वर्षो से यहां की पब्लिक की सेवा में लगा हुआ है. जिस तरह अस्पताल को बंद किया उसका तरीका गलत है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और अस्पताल को बहाल करने की मांग रखी.

इसे भी पढ़ें: MP Election: “कमलनाथ कभी सीएम शिवराज सिंह की बराबरी नहीं कर सकते” नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

क्या है मामला

14 सितंबर को पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए अनुज शुक्ला नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी दिव्या शुक्ला को इस हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, 15 सितंबर को उसे ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया देना था लेकिन ओवरडोज देने के वजह से वह कोमा में चली गई. 16 सितंबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मामले में मुंशीगंज थाने में अस्पताल के सीईओ समेत तीन डॉक्टरों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद सीएमओ की जांच में अस्पताल प्रसाशन दोषी पाया गया और उसके लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.
    Tags:

Also Read