यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान अक्सर कश्मीर का राग अलापता रहा है. उसको जब भी मौका मिला तो उसने भारत पर जमकर आरोप लगाए. इसी कड़ी में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हल काकर ने 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाया.उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि कश्मीर पर एक प्रस्ताव पास कर मिलिट्री हस्तक्षेप किया जाए. जिसपर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
भारत के आतंरिक मामलों में बोलने का हक नहीं
संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसलिए पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. पेटल गहलोत ने राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ” पाकिस्तान जब दूसरों के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है तो उसे अपने देश में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों को पहले देखे और उसे रोके.
अवैध कब्जे को खाली करे पाकिस्तान
भारत ने आगे कहा कि पाकिस्तान को तत्काल सीमा पार से जारी आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए. बिना देरी के आतंकी ठिकानों को बंद करना चाहिए. इसके अलावा कश्मीर के जिन इलाकों पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है, उसे तुरंत खाली करे. अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करे.
मुंबई हमले के आतंकियों पर कार्रवाई करे पाक
पेटल गहलोत ने आगे कहा कि पाकिस्तान को मुंबई हमले के आंतकवादियों पर पहले सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. जिसके पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय के इंतजार में हैं. पाकिस्तान इंटरनेशनल टेररिज्म का गढ़ है. आतंकवादियों के लिए एक सेफ हेवन बनाया है.
यह भी पढ़ें- One Nation One Election: रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में हाई लेवल समिति की बैठक आज, एक देश एक चुनाव पर होगी चर्चा
पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने का अधिकार किसी को नहीं है. संयुक्त राष्ट्र फोरम का गलत इस्तेमाल करने का पाकिस्तान आदी हो चुका है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.