PM Narendra Modi: साल 2001 में दिल्ली में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपयी और लालकृष्ण आडवाणी से एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर मुलाकात और फिर अचानक गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ. ये कहानी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से प्रधानमंत्री बनने तक के नरेंद्र मोदी के 22 साल के संवैधानिक पद पर बने रहने की है. आज ही के दिन साल 2001 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम पद की शपथ ली थी, उसके बाद लगातार तीन बार सीएम पद की शपथ, फिर दो बार पीएम पद की शपथ, मोदी का सार्वजनिक जीवन 22 साल का हो गया है.
बता दें कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी के सामने अनेक चुनौतियां थीं, जिसका उन्होंने बखूभी सामना किया था. नरेन्द्र मोदी गुजरात में संघ के प्रचारक के तौर पर सक्रिय हुए थे. इसके बाद उन्होंने गुजरात के प्रत्येक गांव का दौरा किया और जनता की दिक्कतों को समझा. वहीं जब उन्हें इन समस्याओं को हल करने का मौका मिला तो मोदी ने गुजरात की समस्याओं को निपटाना शुरू किया. राज्य में जल शक्ति, जन शक्ति, ऊर्जा शक्ति, ज्ञान शक्ति और रक्षा शक्ति की पंचामृत शक्ति के अधार पर विकास का रथ चलाया जो कि आज गुजरात में उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद तेज रफ्तार से दौड़ रहा है.
यह भी पढ़ें- UP News: 12460 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, 5 साल बाद जगी नौकरी की आस
गुजरात में विकास से संवारा गरीबों का जीवन
मोदी हमेशा से ही जानते थे कि पहले बेहतरीन काम करना होगा, और फिर उसके दम पर वोट हासिल करना होगा. उन्होंने पहले गुजरात में लगातार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया और बीजेपी के कई नेताओं तक को पीछे छोड़ दिया. मोदी के पीएम बनने के सफर में सबसे अहम रोल गुजरात का था. इसकी वजह यह है कि उन्होंने गुजरात में जो विकास किया, वहीं मॉडल साल 2014 के लोकसभा चुनाव में देश की जनता के सामने रख दिया. नतीजा ये कि वो 2014 में आसानी से प्रचंड बहुमत लाकर जीते और 1984 के बाद किसी राजनीतिक दल यानी बीजेपी ने बहुमत हासिल किया.
दो बार ले चुके हैं पीएम पद की शपथ
नरेंद्र मोदी गुजरात की पॉलिसी देश की सियासत में भी अपना रहे हैं. उन्होंने साल 2014 का चुनाव गुजरात के विकास के मॉडल पर जीता और 2019 का चुनाव देश में विकास करके जीता. आर्थिक तंत्र को मजबूत करने से लेकर देश की सीमाओं को मजबूत करने तक में मोदी ने कामयाबी पाई. नतीजा ये कि वो 2019 में भी आसानी से चुनाव जीते.
आज नरेंद्र मोदी का संवैधानिक पद संभालते हुए कुल 22 साल हो गए हैं लेकिन न मोदी थके हैं, न रुके है. मोदी की इसी लगन के चलते जनता का विश्वास आज भी उन पर ही बना हुआ है. खास बात यह है कि 2024 के चुनावों में भी ओपनियन पोल्स बीजेपी की मोदी के दम पर जीत हासिल करने की भविष्वाणी कर रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस