पीएम मोदी की अधिकारियों के संग बैठक
PM Modi Meeting: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण के दौरान की गईं विभिन्न घोषणाओं को लागू करने की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को एक बैठक की अध्यक्षता की. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों और मध्यम वर्ग को घर के स्वामित्व के लिए किफायती ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही थी और उन्होंने घरों के लिए सौर ऊर्जा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया था.
बयान में आगे कहा गया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने योजनाओं को लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी मौजूद थे.बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान की गई घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की तैयारियों की समीक्षा की.
“मैं साफ देख रहा हूं कि मां भारती जागृत हो चुकी है”
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम ने अपने देश के नाम संबोधन में कहा था कि, “भारत के पास अपने सपनों को पूरा करने वाली त्रिमूर्ति है. आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है. उन्होंने आगे कहा था कि, “मैं साफ देख रहा हूं कि मां भारती जागृत हो चुकी है. विश्व भर में भारत की चेतना और सामर्थ्य के प्रति नया आकर्षण, नया विश्वास पैदा हुआ है, उसे विश्व में अपने लिए ज्योति नजर आ रही है.”
पीएम ने विकास का 3D फार्मूला शेयर किया था
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अपने 140 करोड़ ‘परिवारजनों’ के साथ विकास का 3D फार्मूला शेयर किया. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है. ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं. पीएम मोदी ने कहा, देश के युवाओं के पास इस समय अवसर ही अवसर है. देश को पिछले 1000 सालों की दासता से आजादी मिली है.
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था कि अब मेरा सपना गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है. इसके लिए हमने एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन चलाने और मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाएगा और देश के कृषि-तकनीक क्षेत्र को मजबूत करेगा. उन्होंने आगे कहा था कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तो देश एक विकसित भारत होगा. मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं…लेकिन समय की मांग तीन बुराइयों से लड़ने की है – भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण.
– भारत एक्सप्रेस