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Mathura: बांके बिहारी कॉरिडोर के बजट को लेकर कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं घोषणा, जमीन अधिग्रहण को चाहिए इतने करोड़

प्रशासन को अंदेशा है कि पूरे प्रोजेक्ट में करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है औऱ जमीन अधिग्रहण के लिए 300 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Mathura: बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर जहां एक ओर रास्ता साफ हो गया है तो वहीं अब बजट को लेकर प्रशासन राह देख रहा है. हालांकि इसी बीच एक उम्मीद जगी है और खबर सामने आ रही है कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार की मदद करते हुए केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए विशेष बजट को लेकर घोषणा कर सकते हैं. क्योंकि बजट की मंजूरी के बाद ही प्रशासन जमीन अधिग्रहण से लेकर आगे की अन्य कार्रवाई की शुरुआत कर सकता है. अगर प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जमीन अधिग्रहण के लिए 300 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत है तो वहीं इसके बाद कॉरिडोर निर्माण के लिए 505 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.

तो वहीं वर्तमान बांके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने का आंकलन जिला प्रशासन द्वारा लगाया गया है. बता दें कि मथुरा में इन दिनों ब्रज रज उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जानकारी सामने आ रही है कि 23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस उत्सव में मनाई जा रही मीराबाई की 525 वीं जयंती के मौके पर शिरकत करने आ रहे हैं. इसी के बाद ये सम्भावना बढ़ी है कि इस उत्सव के दौरान ही बजट को लेकर पीएम घोषणा कर सकते हैं. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में बांके बिहारी कॉरिडोर प्रकरण में प्रतिदिन सुनवाई के बाद जब फैसला सुनाए जाने की तिथि 20 नवम्बर तय की गई थी, तब संभावना जताई जा रही थी कि, फैसला अगर कॉरिडोर में पक्ष में आएगा तो प्रधानमंत्री खुद इसके बजट की घोषणा ब्रज रज के मंच पर कर सकते हैं. तो दूसरी ओर प्रशासन को अंदेशा है कि पूरे प्रोजेक्ट में करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. तो वहीं ये सम्भावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी राज्य सरकार की मदद करते हुए केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए विशेष बजट की घोषणा कर दे.

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मुआवजे की कीमत तय करने में जुट गया है प्रशासन

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने को लेकर रास्ता जैसे ही साफ किया है, जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रशासन विचार करने में जुट गया है. इसको लेकर प्रशासन 300 के करीब निर्माणों को हटाने के लिए पहले ही चिह्नित कर चुका है. इसी के साथ ही प्रशासन एक बार फिर से निर्णायक सर्वे कराने और जमीन की एवज में दिए जाने वाले मुआवजे की कीमत तय करने की दिशा में कार्य करने को लेकर जुट गया है. इसकी पूरी जानकारी प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी. फिर उसी के हिसाब से जमीन अधिग्रहण को लेकर मुआवजा राशि जारी की जाएगी. खबरों के मुताबिक, बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 5.65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. तो वहीं जमीन अधिग्रहण से पहले जिला प्रशासन के लिए स्थानीय लोगों को जमीन देने के लिए मनाना भी एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है. तो वहीं प्रशासन आगे कदम तभी बढ़ा सकता है, जब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाए. इसीलिए प्रशासन पहले जमीन अधिग्रहण को लेकर ही कार्रवाई शुरू करने वाला है.

भक्तों को दर्शन में नहीं होगी कोई दिक्कत

वहीं कोर्ट द्वारा बांकेबिहारी कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद सांसद हेमामालिनी ने खुशी जाहिर करते हुए मंगलवार को कहा कि, कॉरिडोर बनने से रास्ते चौड़े और साफ हो जाएंगे. इससे ठाकुर बांकेबिहारी के भक्तों को अच्छी तरह दर्शन हो सकेंगे और पर्यटन भी बढ़ेगा.

-भारत एक्सप्रेस



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