फोटो-सोशल मीडिया
UP Assembly Winter Session: यूपी विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन शुक्रवार को रहा. इस दिन उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी को लेकर सदन ने ध्वनि मत से प्रस्ताव स्वीकृत किया. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग से यूपी के श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए बधाई एवं धन्यवाद प्रस्ताव रखा था. इसी के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बचाव दल के सदस्यों और इस अभियान से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हुए आभार ज्ञापित किया गया.
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव का जिक्र किया और कहा कि “उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में 12 नवंबर 2023 से 17 दिनों से फंसे आठ राज्यों के 41 श्रमिकों को विभिन्न एजेंसियों के द्वारा लगभग 400 घंटे तक चले राहत एवं बचाव अभियान के फलस्वरूप सकुशल बाहर निकाल लिया गया, उसके लिए हम सभी गौरवान्वित हैं.’’ उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि ‘‘हम श्रमवीरों के सुरक्षित बाहर आने पर उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षित भविष्य की कामना करते हैं.’’ पीएम मोदी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल प्रबंधन से उत्तरकाशी सुरंग से 41 श्रमिकों की हुई सकुशल वापसी को लेकर बचाव अभियान दल सदस्यों के प्रति यह सदन सर्वसम्मति से आभार व्यक्त करता है, उन सभी को बधाई देता है और उन सभी को धन्यवाद देता है. इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने ये भी कहा कि अभियान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जिनकी भागीदारी रही, सभी को सदन की ओर से बधाई.
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सभी ने स्वीकार किया प्रस्ताव
पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों की सर्वसम्मति से सदन में यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ. इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने घोषणा की. बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में काम करते हुए दुर्घटना के दौरान देश भर के कई राज्यों के 41 श्रमिक अंदर फंस गए थे. इन मजदूरों में आठ श्रमिक यूपी के विभिन्न जिलों से थे. सुरंग में पूरे 16 दिन बिताने के बाद 17वें दिन इन सभी 41 श्रमिकों को बाहर निकाला जा सका था. दीवाली के दिन ये हादसा हुआ था. तो वहीं जहां दीवाली पर इन श्रमिकों के घर में दीपक नहीं जला तो वहीं अपने लाल के सुरंग से वापस आ जाने के 17 दिन बाद घरों में दीवाली मनाई गई और आतिशबाजी की गई. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के आठ श्रमिकों में से श्रावस्ती से छह (अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश और राम सुंदर) तो वहीं लखीमपुर खीरी से मंजीत और मिर्जापुर से अखिलेश कुमार शामिल थे. सभी सकुशल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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