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Lucknow: डॉ. कफील खान पर दर्ज हुई FIR, दंगा भड़काने और योगी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

UP News: यूपी में चर्चिच डॉक्टर कफील खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153-बी, 143, 465, 467, 471, 504, 505, 298, 295, 295-ए के तहत FIR दर्ज हुई हैं. यहां जानते हैं वजहें—

फोटो-सोशल मीडिया

UP News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डॉक्टर कफील खान (Kafeel Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उनके खिलाफ लखनऊ के कृष्णानगर थाने में FIR दर्ज करा दी गई है और आरोप लगाया गया है कि, वो और उनके साथी सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और दंगा फैला सकते हैं. इसी के साथ ही कफील खान पर ये भी आरोप लगाया गया है कि, उन्होंने अपनी किताब में सरकार के विरोध में और भड़काऊ बातें लिखी हैं. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, डा. कफील खान के खिलाफ मनीष शुक्ला ने शिकायत की है. उन्होंने दावा किया है कि, गोरखपुर त्रासदी पर ‘गुप्त पुस्तक’ को योगी सरकार के खिलाफ साजिश के तहत गुपचुप तरीके से फैलाई जा रही है. इसी के साथ ही मनीष शुक्ला ने कफील खान पर योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए दंगे भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है. मनीष ने इस मामले में ये भी शिकायत की है कि, ‘चार-पांच लोग डॉक्टर कफील खान और उनकी लिखी किताब का नाम लेकर दंगा कराने’ की बात की, जिसकी जानकारी उनको मिली. इसी के बाद मनीष ने मामला दर्ज कराया है और उनकी शिकायत के आधार पर कफील खान और चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ कृष्णानगर थाने में 1 दिसंबर को FIR दर्ज कर ली गई है. भारतीय दंड संहिता की धारा 153-बी, 143, 465, 467, 471, 504, 505, 298, 295, 295-ए के तहत कफील खान पर FIR दर्ज हुई है. कफील खान पर योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए दंगे भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.

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कफील खान पर लग चुका है लापरवाही का आरोप

बता दें कि ये वही डा. कफील खान हैं, जिनपर अपनी ड्यूटी के वक्त लापरवाही करने का भी आरोप लग चुका है. बता दें कि अगस्त, 2017 में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में दर्जनों बच्चों की मौत होने की खबर से प्रदेश में हड़कम्प मच गया था. तत्कालीन समय में कफील खान मेडिकल कॉलेज में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ तैनात थे. इस घटना के बाद उन पर लापरवाही का आरोप लगा था और फिर उनको जेल भेज दिया गया था. इसके बाद कफील जमानत पर रिहा हुए थे, लेकिन 2019 को उनको सस्पेंड कर दिया गया. तो वहीं 2019 दिसम्बर में उन पर CAA के खिलाफ AMU में भड़काऊ भाषण देने के भी आरोप लगा था. इसके बाद उनको NSA के तहत फिर से गिरफ्तार किया गया था और उनको जेल भेज दिया गया था. हालांकि, बाद में कोर्ट ने कफील के खिलाफ आपराधिक धाराओं में कार्रवाई को रद्द कर दिया था तो वहीं वह वर्तमान में अपनी किताब को लेकर चर्चा में हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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