कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करतीं मायावती (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)
Lok Sabha Elections-2024: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में लगातार सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं. सपा के बाद भाजपा ने भी लोकसभा सीटों के लिए अपने कुछ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है और शेष रह गई सीटों के लिए राजनीतिक दल मंथन कर रहे हैं. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि, यूपी के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पार्टी संस्थापक कांशीराम की जयंती पर अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. 15 मार्च को कांशीराम की जयंती मनाई जाती है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी दिन बसपा सुप्रीमो मायावती अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन को फिर से वापस पाने के लिए मायावती लगातार पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रही है. इसी के साथ ही वह पार्टी को लगातार मजबूत करने में जुटी हैं. जहां कभी यूपी में बसपा की तूती बोलती थी वहीं यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बहुजन समाज पार्टी को मात्र एक सीट मिली है. हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि, भाजपा, सपा और कांग्रेस के सामने बसपा भले ही कमजोर पड़ गई हो लेकिन दलित राजनीति के जरिए यूपी में सालों सरकार में रहने वाली बहुजन समाज पार्टी की नींव बहुत मजबूत है. ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के संस्थापक और बहुजन आंदोलन के नेता कांशीराम ने पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के लिए जो आवाज उठाई, उसकी गूंज आज भी याद की जाती है. 15 मार्च को कांशीराम का जन्मदिन मनाया जाता है. कांशीराम ने बसपा की स्थापना करते समय कुछ सपने देखे थे. पार्टी आज भी उनके सपनो को पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. इसको लेकर हाल ही में मायावती ने इंडिया गठबंधन से नाता न जोड़ने की बात करते हुए अकेले की चुनाव लड़ने के लिए कहा था. इसी के साथ ये भी कहा था कि, वह कांशीराम के सपनों को आगे लेकर बढ़ रही हैं. इसलिए वह किसी भी गठबंधन में नहीं जाएंगी. तो दूसरी ओर राजनीतिक जानकार मानते हैं कि, मायावती अब अपने भतीजे आकाश आनन्द के राजनीतिक करियर को संवारना चाहती हैं. इसलिए इस बार के लोकसभा चुनाव में वह किसी तरह से भी समझौता नहीं करना चाहती हैं.
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चुनाव से पहले बसपा के लिए चुनौती
हालांकि लगातार लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के अंदर बड़ी टूट दिखाई दे रही है. नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो बसपा में बड़ी टूट हो सकती हैं. 2019 में बसपा के चुनाव चिन्ह पर जीतने वाले सभी दस सांसद बसपा छोड़ सकते हैं. दावा है ये भी है कि ये नेता एलान करने से पहले अपने लिए टिकट की गारंटी चाहते हैं. अगर एक बार उनके नाम पर मुहर लग जाती है तो वो मायावती का साथ छोड़ देंगे. इस सूची में पश्चिम से पूर्वांचल तक बसपा के सभी दस सांसद शामिल हैं. गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी पहले ही सपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं तो सहारनपुर सीट से बसपा विधायक हाजी फजलुर्रहमान और घोसी सीट से बसपा सांसद अतुल राय भी सपा के संपर्क में बने हुए हैं. अंबेडकरनगर सीट से बसपा सांसद रितेश पांडेय भी पार्टी छोड़ चुके हैं और भाजपा ने उनको इसी सीट से टिकट दे दिया है. दूसरी ओर लालगंज से बसपा विधायक संगीता आजाद और बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर के भी भाजपा में जल्द शामिल होने की खबर सामने आ रही है.
-भारत एक्सप्रेस