फोटो-सोशल मीडिया
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर जयंत चौधरी ने तैयारी तेज कर दी है. खबर सामने आ रही है कि, बागपत सीट से वह अपनी पत्नी चारू चौधरी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं. दादा और पिता की कर्मभूमि होने के कारण चारू को चुनाव में उतारने की सबसे ज्यादा उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि पहले उन्होंने कहा था कि, चारू चुनाव नहीं लड़ेंगी. तो वहीं रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह के बारे में जानकारी आ रही है कि वह खुद चुनाव लड़ने की बजाय राज्यसभा सदस्य बने रह सकते हैं.
बता दें कि हाल ही में वह सपा गठबंधन को अलविदा कहकर भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हुए हैं. इसकी औपचारिक घोषणा भी हो चुकी है और रालोद के पास बिजनौर व बागपत सीट गई है. ऐसे में दोनों सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी उतारने के लिए मंथन शुरू कर दिया गया है. अभी तक माना जा रहा था कि चौधरी जयंत सिंह खुद ही बागपत सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि, वह खुद राज्यसभा सदस्य बने रह सकते हैं और पत्नी चारू चौधरी को बागपत से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं. हालांकि इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है.
लगातार चौधरी परिवार का रहा है कब्जा
बता दें कि बागपत लोकसभा सीट पर वर्ष 1977 में चौधरी चरण सिंह पहली बार चुनाव जीते थे और फिर वर्ष 1989 में उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने यहां से जीत दर्ज की तो वह 1997 तक सांसद रहे. साल 1998 को छोड़ दिया जाए तो 2014 तक लगातार चौधरी चरण सिंह परिवार का कब्जा रहा है. वर्ष 1998 में उलटफेर देखने को मिला था और सोमपाल शास्त्री ने उनको हरा दिया था. इसके बाद वर्ष 1999 में हुए चुनाव में चौधरी अजित सिंह ने फिर जीत दर्ज कराई थी और वर्ष 2014 तक उनका लगातार कब्जा रहा. भाजपा के डॉ. सत्यपाल सिंह ने उनको बाद में हरा दिया था और यह सीट दो बार से लगातार भाजपा के पास है. इस तरह ज्यादातर इस सीट पर जयंत के परिवार का कब्जा रहा और इसलिए ही बागपत को उनकी पैतृक सीट माना जाता है. इसीलिए माना जा रहा है कि, इसको देखते हुए यहां से जयंत अपनी पत्नी चारू चौधरी को चुनाव में उतार सकते हैं.
अगर नहीं लड़ती हैं चुनाव तो
चूंकि पहले जयंत कह चुके हैं की चारू चुनाव नहीं लडेंगी. इसलिए रालोद नेताओं का मानना है कि, अगर चारू चुनाव नहीं लड़ती हैं तो यहां से किसी पुराने जाट नेता को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. माना जा रहा है कि बागपत सीट पर गुर्जर वोटर काफी है तो बिजनौर सीट पर भी काफी गुर्जर वोटर हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि, बागपत से जाट प्रत्याशी को उतारने के साथ ही बिजनौर से भी पार्टी गुर्जर दांव खेल सकती है. ताकि गुर्जरों को साधा जा सके.
-भारत एक्सप्रेस
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