एआई जेनरेटेड तस्वीर.
Elephant Mary Irvine City: क्या आपने कभी फांसी होते देखा है, आपका जवाब होगा नहीं, जो ठीक भी है. अब फांसी भी कोई देखने वाली चीज थोड़ी है. मगर हम सभी ने किसी न किसी को फांसी की सजा होने के बारे में सुना तो जरूर होगा. निर्भया रेप केस के दोषियों से लेकर अमरोहा मर्डर केस में शबनम नाम की महिला तक को फांसी की सजा सुनाई गई है. फरवरी 2024 में मुंबई की एक अदालत ने मर्डर और पॉक्सो (POCSO) मामले में एक ट्रांसजेंडर को मौत की सजा सुनाई थी.
पर क्या हो, अगर मैं आपसे पूछूं कि आपने कभी किसी जानवर को फांसी दिए जाने के बारे में सुना है….आप भौंचक्का होकर कहेंगे कि बौरा गए हो… भला जानवर को भी कोई फांसी पर चढ़ाता है. मगर मानव इतिहास में ऐसे कृत्य को भी अंजाम दिया गया है. आइए आज आपको इतिहास की एक ऐसी घटना के बारे में बताते हैं, जब मानव ने अपने चेतना को फांसी के जंजीरों के साथ बांध कर टांग दिया था.
क्या था पूरा मामला
साल था 1916, अमेरिका के टेनेसी (Tennessee) राज्य का इरविन नाम का शहर. चार्ली स्पार्क (Charlie Spark) नाम का एक व्यक्ति टेनेसी में सर्कस चलाता था. एक रोज सर्कस किंग्सपोर्ट (Kingsport) नाम के छोटे से शहर से गुजर रहा था. यहां प्रचार के लिए शहर की मुख्य सड़क पर परेड का आयोजन किया गया था, जिसमें हाथियों का झुंड भी था. 38 वर्षीय एक बेघर, वाल्टर एल्ड्रिज, एक मैरी नाम की हाथिनी (Elephant Mary) की सवारी कर रहे थे. मैरी चार्ली स्पार्क के जगह-जगह घूमने वाले सर्कस का हिस्सा थी.
तरबूज का टुकड़ा बना मौत का सबब
एल्ड्रिज को हाथियों को संभालने का कोई अनुभव भी नहीं था. परेड में सर्कस के दौरान एल्ड्रिज से कहा गया था कि जब तक वह अंकुश, जिसका उपयोग हाथियों को काबू करने के लिए किया जाता है, को संभालता रहेगा, तब तक वह मैरी को काबू कर पाएगा. तभी परेड के दौरान मैरी तरबूज का एक टुकड़ा खाने के लिए रुकी. बेसब्र होकर एल्ड्रिज उसे अंकुश चुभाने लगा.
अब हाथी तो जल्दी गुस्सा होने के लिए जाने जाते हैं. फिर क्या एल्ड्रिज के बार-बार अंकुश चुभाने से मैरी गुस्सा हो गई और उसने उसे अपने ऊपर से खींच कर उसके सिर पर पैर रख दिया. एल्ड्रिज का यहीं अंत हो गया.
गुस्साई भीड़ का न्याय
1900 के दशक की शुरुआत एक ऐसा समय था जब भीड़ का न्याय होता था. गुस्साई भीड़ ने एल्ड्रिज की मौत के लिए हाथिनी मैरी को अपराधी माना और मांग की कि मैरी को तुरंत मार दिया जाए.
हमेशा की तरह कलाकार चार्ली स्पार्क ने भीड़ की मांग को स्वीकार कर लिया, लेकिन उसने मैरी के अंत को एक तमाशा बनाने का फैसला किया. मैरी को मारने के अलग-अलग तरीकों को देखने के बाद स्पार्क ने तय किया कि उसे फांसी लगाई जाएगी.
पास के इरविन नाम के शहर में एक 100 टन की क्रेन थी, जिसका इस्तेमाल रेलवे के डिब्बों को उठाने के लिए किया जाता था. स्पार्क ने इसी क्रेन से मैरी को फांसी देने का फैसला किया और भीड़ को क्रेन के इस्तेमाल के बदले में मैरी की फांसी को फ्री में देखने का ऑफर दिया.
जब इंसानों ने टांग दी अपनी चेतना
फांसी के दिन रेलवे यार्ड में मैरी को एक रेल से बांध दिया गया और उसके सिर के चारों ओर एक जंजीर बांध दी गई थी. जैसे ही क्रेन ने उसे ऊपर उठाया, हवा में एक तेज कर्कश आवाज गूंज गई. उसका पैर अभी भी रेल से जुड़ी हुई जंजीर से बंधा हुआ था. क्योंकि खिंचाव के कारण उसकी हड्डियां और जोड़ टूट गए थे.
मैरी दर्द में तड़प उठी और भयानक रूप से चींखने लगी. उसे अभी पांच फीट ऊपर उठाया ही गया था कि उसे उठाने वाली जंजीर टूट गई और वह जमीन पर गिर गई, जिससे उसका कूल्हा टूट गया, लेकिन यह अंत नहीं था. उसकी गर्दन में एक और मजबूत जंजीर बांधी गई और उसे एक बार फिर से उठाया गया और आधे घंटे तक लटका कर रखा गया, जब तक कि एक पशु चिकित्सक ने उसे मृत घोषित नहीं कर दिया.
यह मैरी का अंत था, जिसे खूनी मैरी (Murderous Mary) के नाम से भी जाना गया. ऐसा कहा जाता है कि इरविन (Irvine City Mary Elephant) शहर इस बात के लिए जाना जाता है कि वहां एक हाथी को फांसी पर लटका दिया गया था. मैरी को दफनाने के लिए एक बड़ी कब्र भी खोदी गई थी, लेकिन उसका ठिकाना अज्ञात है.
-भारत एक्सप्रेस
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