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जानिए Jammu Kashmir में जमीन खरीदने वाला पहला राज्य कौन है

अगस्त 2019 में Jammu Kashmir को मिले Special Status को रद्द करने से पहले इस पूर्ववर्ती राज्य में केवल स्थायी निवासी ही जमीन खरीद सकते थे.

श्रीनगर स्थित डल झील. (प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिपीडिया/Madhumita Das)

महाराष्ट्र राज्य केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में आने वाले अपने राज्य के पर्यटकों और अधिकारियों के लिए एक सुविधा केंद्र (Guest House) का निर्माण करने के लिए यहां जमीन खरीदने वाला पहला राज्य बन गया है.

महाराष्ट्र भवन, घाटी का पहला राज्य भवन होगा, जो श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में मध्य कश्मीर के बडगाम इलाके में बनाया जाएगा. महाराष्ट्र कैबिनेट ने बीते 13 मार्च को जमीन खरीदने की मंजूरी दे दी है.

भूमि हस्तांतरण को मंजूरी

यह भवन श्रीनगर हवाई अड्डे के नजदीक इचगाम (बडगाम) में 2.5 एकड़ भूमि के एक भूखंड पर बनेगा. जम्मू-कश्मीर शासन ने 8.16 करोड़ रुपये के शुरुआती भुगतान के बाद महाराष्ट्र सरकार को भूमि हस्तांतरण (Land Transfer) को मंजूरी दे दी है.

राजस्व विभाग के एक नोट के अनुसार, ‘महाराष्ट्र भवन के निर्माण के लिए 8.16 करोड़ रुपये के हस्तांतरण मूल्य के भुगतान पर महाराष्ट्र राज्य के पक्ष में एस्टेट इचगाम बडगाम में स्थित 20 कनाल की शामलात देह भूमि (Shamlat Deh Land) के हस्तांतरण (Transfer) को मंजूरी दी गई है.’

नोट में जमीन की कीमत 40.8 लाख रुपये प्रति कनाल बताई गई है.

पिछले साल शुरू हुई थी प्रक्रिया

पिछले साल जून में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जम्मू-कश्मीर दौरे और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद यहां जमीन खरीदने और एक पर्यटक सुविधा केंद्र के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी.

इस सुविधा केंद्र का उद्देश्य महाराष्ट्र के पर्यटकों और अधिकारियों के लिए आरामदायक आवास और सुविधाएं प्रदान करना है.

अयोध्या में भी बनेगा महाराष्ट्र भवन

बीते फरवरी माह में अपने बजट भाषण में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा था कि सरकार राज्य के पर्यटकों और भक्तों को उचित दरों पर बेहतर और सुरक्षित सुविधाएं प्रदान करने के लिए श्रीनगर और अयोध्या में दो महाराष्ट्र भवनों का निर्माण कर रही है. पवार ने कहा था कि राज्य सरकार ने इन दो राज्य गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को मिले Special Status को रद्द करने से पहले यहां केवल स्थायी निवासी ही जमीन खरीद सकते थे. हालांकि, सरकार उद्योगों और बाहर से आए लोगों को 99 साल तक की लंबी अवधि के लिए भूमि पट्टे पर दे सकती है.

-भारत एक्सप्रेस



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