अरविंद केजरीवाल
New Delhi: आबकारी नीति में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हटाने व उन्हें जेल से सरकार चलाने के लिए व्यवस्था करने की मांग के बाद अब उन्हें उनकी कार्यकाल पूरा होने तक सभी मामलों में अति विशिष्ठ अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया एवं अतीक अहमद की हिरासत में हत्याओं का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि तिहाड़ जेल में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है.
लॉ स्टूडेंट ने दाखिल की ये याचिका
यह याचिका एक चौथे वर्ष के लॉ स्टूडेंट ने ‘वी द पीपल ऑफ इंडिया’ नाम से दाखिल की है.याचिकाकर्ता छात्र ने कहा है कि उसने इस शीषर्क का इस्तेमाल इसलिए किया है क्योंकि उसे कोई प्रसिद्धि या लाभ नहीं चाहिए. अधिवक्ता करण पाल सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका पर सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई होने की संभावना है. याचिका में कहा गया है कि राजधानी की जेलों में इतने सारे कैदियों की मौत सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं और अन्य सेवाएं नहीं दी जा सकी थी, जबकि कैदियों की शारीरिक स्थिति गंभीर थी.
याचिका में क्या मांग की गई
याचिका में केजरीवाल को रोजाना काम के घंटों में अपने आधिकारिक सरकारी कार्यालय में उपस्थित होने और सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने, उन्हें निष्पादित करने और उन्हें जमा करने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है. इसके अलावा केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में अपनी इच्छानुसार दिल्ली सरकार के किसी भी स्थान या कार्यालय का दौरा करने या निरीक्षण करने और अपने आधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है.
स्वास्थ और सुरक्षा को लेकर याचिका में मांग
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री होने के नाते यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि केजरीवाल के लिए सभी दिन चौबीसो घंटे सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा उपकरण और विशेषज्ञ डाक्टर उपलब्ध हों, जो जेल परिसर की सुरक्षा कारणों से न्यायिक हिरासत में भी संभव नहीं है. जेल अधिकारी और पुलिस अधिकारी केजरीवाल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते, क्योंकि वे इसी काम के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित नहीं हैं.
याचिका के अनुसार, यह काम एलीट फोर्स के अच्छी तरह प्रशिक्षित कमांडो का है, जिसे विशेष रूप से वीआईपी लोगों की जान बचाने के लिए नियुक्त किया जाता है. वह इस बिंदु पर इस अदालत को यह याद दिलाना चाहता है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की सुरक्षा बहुत खतरे में है, क्योंकि वे उन खूंखार अपराधियों के बीच में हैं, जो बलात्कार, हत्या, डकैती और यहां तक कि बम विस्फोट जैसे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. अगर उनकी हत्या हो जाती है तो यह शर्मनाक स्थिति होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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