सीएम नायब सिंह सैनी.
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे. इसके साथ ही नायब सिंह सैनी सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई. हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं.
जेजेपी दे सकती है बीजेपी को समर्थन
वर्तमान में भाजपा सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. हालिया दिनों में जननायक जनता पार्टी (JJP) के कुछ विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का संकेत दिया है, हालांकि जेजेपी ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. विधानसभा में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं. कुल मिलाकर बीजेपी के पास अभी भी 45 विधायकों का संख्याबल है. 40 उसके खुद के विधायक हैं, जबकि 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन उसे मिला हुआ है.
इन विधायकों ने वापस लिया समर्थन
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक अपने फैसले की घोषणा की. हुड्डा ने कहा, ‘‘सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए. यह जनविरोधी सरकार है.’’
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इस बीच, जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा को ‘जनता का विश्वास खो चुकी सरकार को गिराने’ की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा को तुरंत राज्यपाल से मिलना चाहिए और उन्हें स्थिति से अवगत कराना चाहिए. दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा, ‘‘हुड्डा कहते हैं कि सरकार अल्पमत में है. वह विपक्ष के नेता हैं और उन्हें तुरंत राज्यपाल से मिलना चाहिए और उन्हें घटनाक्रम से अवगत कराना चाहिए.’’
-भारत एक्सप्रेस