रामपुर में खिला कमल, कैसे ध्वस्त हुआ किला
Rampur Vidhansabha Bypolls Results: उत्तरप्रदेश के उपचुनाव में मैनपुरी और खतौली में तो समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल कर ली है. लेकिन रामपुर की सियासत में बड़ा खेल हो गया. लंबे समय से आजम खान ने रामपुर को अपना किला बना रखा था. लेकिन अब समय बदल गया है और आजम खान का रामपुर किला पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. पहले बीजेपी ने लोकसभा के उपचुनाव में रामपुर का किला भेदा तो अब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके आजम के किले को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. रामपुर की लोकसभा और विधानसभा सीट पर अब सिर्फ कमल खिल रहा है.
रामुपर विधानसभा का उपचुनाव काफी ज्यादा दिलचस्प रहा. क्योंकि जब सूरज उदय हुआ तो सपा के आसिम राजा काफी तेज रफ्तार में आगे बढ़ रहे थे. फिर जैसे-जैसे सूरत ने ढलना शुरू किया तो बीजेपी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना आगे बढ़ने लगे. एक समय था जब सपा के उम्मीदवार और आजम के करीबी आसिम राजा दुगने वोट से आगे चलते रहे थे लेकिन 21वें राउंड में बाजी पलट गई और आकाश सक्सेना ने करीब 34 हजार वोटों से आसिम राजा को हरा दिया.
कैसे ध्वस्त हुआ रामपुर का किला
बता दें करीब 45 साल से रामपुर का किला आजम खान के पास था. लेकिन अब ये ध्वस्त हो चुका है. आखिर अब सभी की ये जानने में दिलचस्पी है कि रामपुरा का ये किला कैसे ध्वस्त हुआ और कैसे बीजेपी ने इस पर अपना कब्जा जमा लिया.
कम वोटिंग
सबसे पहले इसकी जो सबसे बड़ी जो वजह मानी जा रही है वो उपचुनाव में कम मतदान होना है. बता दें कि रामपुर विधानसभा के उपचुनाव में मात्र 33.94 फीसदी मतदान हुआ था. जिस पर आसिम राजा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ढाई लाख लोगों को वोट नहीं देने दिया गया. रामपुर में चुनाव ही नहीं होने दिया गया है. रजा ने यहां तक कह दिया कि हम चुनाव नहीं जीत पाएंगे और खबरों के मुताबिक वो ये बोलते हुए मतगणना स्थल से बाहर चले गए थे.
आजम से नाराजगी!
आजम के करीबी आसिम राजा की दूसरी हार वजह इसके भी बताया जा रहा है कि रामपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम वोटर आजम खान से नाराज हैं. जिसके चलते उन्होंने वोट ही नहीं दिया. आजम खान एक के बाद एक मुकदमें दर्ज होते जा रहे हैं और वो लगातार मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं.
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आकाश सक्सेना का बढ़ता कद
इसके बाद जो आखिरी वजह मानी जा रही है वो आकाश सक्सेना का बढ़ता हुआ कद और बीजेपी की मजबूत होती पकड़. बीजेपी प्रत्याशी आकाश पेशे से एक वकील हैं. उन्होंने आजम खान के खिलाफ लगातार कानूनी लड़ाई लड़ी है और उनका आजम को जेल के पीछे पहुंचाने में लंबा हाथ रहा है. उन्होंने आजम के खिलाफ कई मुकदमें दायर किए हैं. आकाश के पिता का नाम शिवबहादुर सक्सेना है. जब पहली बार आजम खान ने रामपुर से चुनाव लड़ा तो उन्हें बीजेपी की तरफ से शिवबहादुर सक्सेना ने ही चुनौती दी थी. वह 1989, 1991,1993 और 1996 में विधायक निर्वाचित हुए.
– भारत एक्सप्रेस
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