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Pakistan News: एक बार फिर से पाकिस्तानी संसद में भारत की तरक्की की जमकर तारीफ की गई है और तमाम समस्याओं से जूझ रहे पाकिस्तान की लाचारी और भुखमरी एक बार फिर से सामने आ गई है.
बुधवार को पाकिस्तानी संसद में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) पार्टी के सांसद सैयद मुस्तफा कमाल ने पाकिस्तान की भारत से तुलना करते हुए कहा कि एक तरफ उनके देश के सबसे बड़े शहर में खुले गटर बच्चों की जान ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भारत ने पहले ही सफलतापूर्वक मून मिशन को अंजाम दे दिया है. बता दें कि वह भारत के चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर ये बात कह रहे थे.
इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान में व्याप्त अव्यवस्थाओं का भी जिक्र कर संसद में कहा, ‘आज जब दुनिया चांद पर जा रही है, हमारे बच्चे कराची में गटर में गिरकर मर रहे हैं. हम अपने टीवी स्क्रीन पर खबर देखते हैं कि भारत चांद पर पहुंच गया है और इसके ठीक दो सेकंड बाद खबर आती है कि कराची में खुले गटर में एक बच्चे की मौत हो गई.’
इस दौरान सांसद सैयद मुस्तफा कमाल ने कराची में ताजे पानी की कमी को लेकर अपना पक्ष रखा. यहां पर करीब 2.3 करोड़ लोग रहते हैं.
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टैंकर माफिया जमा कर लेते हैं पानी
सांसद सैयद मुस्तफा कमाल ने कराची की बदहाल स्थिति को लेकर कहा कि 15 वर्षों तक कराची को अधिक ताजा पानी नहीं मिला है. जो भी पानी आया, वह भी टैंकर माफिया ने जमा कर लिया. कराची पाकिस्तान का रेवन्यू इंजन है. पाकिस्तान में अपनी स्थापना के समय से ही जो दो बंदरगाह कार्यरत हैं, वे दोनों यहीं हैं. यह पूरे देश का प्रवेश द्वार है.
आखिर कैसे आती है नेताओं को नींद
संसद में बोलते हुए कमाल ने सवाल खड़ा किया और कहा कि हमारे सिंध और देश में जो स्कूलों की स्थिति है, आखिर उसे देखकर देश के नेताओं को नींद कैसे आती है? उन्होंने एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि सिंध प्रांत, जिसकी राजधानी कराची है, में कम से कम 70 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर यह संख्या 2.6 करोड़ है.
पाकिस्तान मांग रहा है भीख
कमाल से पहले पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामी नेता मौलाना फजलुर रहमान भी संसद में पाकिस्तान की बदहाल स्थिति के बारे में जिक्र कर चुके हैं और भारत की प्रशंसा भी की थी.
उन्होंने कहा था कि जरा भारत और हमारी तुलना करें. दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने चुनाव को लेकर आरोप लगाया था कि आठ फरवरी को हुए चुनाव निष्पक्ष नहीं बल्कि त्रुटिपूर्ण थे. यह कैसा चुनाव है, जहां हारने वाले संतुष्ट नहीं हैं और जीतने वाले परेशान हैं?
-भारत एक्सप्रेस
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